Delhi Murder Mystery: दिल्ली पुलिस की एक महिला कांस्टेबल की हत्या के दो साल बाद उसका कंकाल मिलने की सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस बरामदगी के बाद एक कांस्टेबल सुरेंद्र राणा और उसके दो साथियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार करने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने पुरानी मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लेने का दावा किया है। गिरफ्तार किए गए हत्या के आरोपियों में एक राणा मृतका के साथ ड्यूटी करता था। हैरत की बात है कि मृतका मोना को जिंदा दिखाने के लिए आरोपियों ने कई संगीन जालसाजियों को भी अंजाम दिया था।

पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में गढ़े फर्जी सबूत, परिवार को भेजे रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साथी हवलदार पर ही दिल्ली पुलिस की महिला कांस्टेबल की हत्या करने का आरोप है। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी दो साल में कई बार मृतका मोना के परिवार को रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज भेजने समेत ऐसे कई सबूत रचने की कोशिश करता रहा कि परिवार और दुनिया वाले उसे जिंदा समझते रहें। दो साल बाद कंकाल मिलने पर जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े कई सनसनीखेज दावे किए हैं।

हत्याकांड में प्रेम प्रंसग का भी एंगल, आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को क्या-क्या बताया

पुलिस ने इस हत्याकांड को प्रेम प्रंसग का भी मामला बताया है। पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी सुरेंद्र राणा ने बताया कि वह मोना से प्यार करता था। कई बार प्रपोज करने के बावजूद उसने शादी करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद गुस्से में आकर उसने मोना की हत्या कर दी और लाश को एक नाले में पत्थर के नीचे दबा कर छिपा दिया। मोना की मौत का शक किसी को न हो जाए इसलिए वह दिल्ली पुलिस का उसका पहचान पत्र और फोन के सिम कार्ड का इस्तेमाल करता रहा। वहीं मोना के पहले से रिकॉर्ड किए ऑडियो को एडिट कर उसके परिवार को मैसेज भेजता रहा कि उन्हें शक न हो।

कुछ महीने पहले क्राइम ब्रांच को सौंपा गया था गुमशुदगी का केस, ऐसे सुलझी गुत्थी

मोना के घर, परिवार और पुलिस वालों को धोखा दे रहा ये मामला क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया तो सब हैरत में आ गए। दो साल बाद बुराड़ी के पुश्ता इलाके से लगभग कंकाल बन चुके शव को दिल्ली पुलिस ने बरामद करने के बाद डीएन जांच के लिए भेजा। डीएनए प्रोफाइलिंग से इसके मोना के शव होने की पुष्टि की गई। इसके बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर पुलिस थाने में 20 अक्टूबर, 2021 को दर्ज एक महिला कांस्टेबल के लापता होने की रहस्यमय गुत्थी सुलझ गई।

8 सितंबर, 2021 से घर से लापता थी मोना, परिवार ने 20 सितंबर को दर्ज कराई थी शिकायत

मुखर्जी नगर थाने में महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट में उसके परिवार ने बताया था कि वह अपने घर से 8 सितंबर, 2021 से लापता थी। दो साल तक इस मामले में पुलिस को कामयाबी नहीं मिली तो कुछ महीने पहले क्राइम ब्रांच के हाथों इस केस को सौंपा गया। जांच अधिकारियों ने सबसे पहले सीडीआर निकलवाया। फिर उसके सहारे एक-एक कर नंबरों और निशानदेहियों के जरिए आरोपियों तक पहुंचते रहे और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार करते रहे।

हत्या के आरोपियों से पूछताछ में हुआ महिला कांस्टेबल की हत्या का पूरा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में आए राजपाल, रॉबिन और सुरेंद्र राणा से पुलिस ने अलग-अलग और एक साथ पूछताछ की और पूरे घटनाक्रम की डिटेल हासिल की। इसके बाद पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया। राबिन अरविंद बनकर मोना के परिवार से बात करता था। पुलिस ने बताया कि सुरेंद्र राणा 2012 में और मोना 2014 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे। 2021 में ही कंट्रोल रूम में साथ तैनाती के दौरान दोनों दोस्त बने और पहले से शादीशुदा 42 साल का सुरेंद्र राणा उसके पीछे पड़ गया। फिर शादी के दबाव को ठुकराने के चलते सिरफिरे ने उसका कत्ल कर दिया।

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