देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सदर इलाके से एक व्यक्ति का नवजात शिशु गायब हो गया था। घटना की सूचना पर जांच की तो पता चला था कि घर में किराये पर रहने वाली एक महिला भी गायब थी। इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अब बिहार की 22 वर्षीय महिला को बच्चे का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस केस को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है।
क्या था मामला: नवजात शिशु के अगवा होने का मामला दिल्ली के सदर बाजार से सामने आया था। जहां एक परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। अपहृत बच्चे के पिता ने खुलासा किया कि एक महिला उनके घर की ऊपरी मंजिल पर रहती, जो अक्सर बच्चे को अपने पास खेलने के लिए ले जाया करती थी। बीते दिन जब बच्चा के साथ महिला अचानक गायब हो गई तो उन्हें पता चला कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है। फिर इस घटना में पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
फर्जी कागजों का किया इस्तेमाल: पुलिस ने बताया कि, मामले में जांच के दौरान सदर बाजार इलाके में किराये पर रहने वाली महिला आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। क्योंकि उसने मकान मालिक को जो भी दस्तावेज दिए थे, वह सभी फर्जी थे; यहां तक कि उसने अपना असली नाम भी छिपा रखा था। कागजों की छानबीन में यह भी सामने आया कि पहचान प्रमाण पत्र महिला का नहीं था।
बिहार भेजी गई सर्च टीम: इस मामले में जांच करने वाली टीम को शुरुआत में ही फर्जी कागजों के मिलने से निराशा हाथ लगी थी। लेकिन फिर टीम ने उस जगह पूछताछ की जहां महिला नौकरी करती थी, इसके बाद फोन की लोकेशन व सर्विलांस जांच करने से पता चला कि वह बिहार के सिसवा सीतामढ़ी के एक गांव की रहने वाली थीं। इसके बाद एक टीम को उसके घर भेजा गया, जहां पुलिस ने महिला को बच्ची के साथ दबोच लिया।
नवजात को बेचना चाहती थी महिला: नवजात की सुरक्षित बरामदगी के बाद पुलिस ने आरोपी को दिल्ली भेज दिया, जहां उसे कोर्ट के सामने पेश किया गया। इसके बाद शिशु को माता-पिता को सौंप दिया गया और महिला को जेल भेज दिया गया। पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि वह दिल्ली के सदर बाजार स्थित अहाता किदारा में सबसे ऊपरी मंजिल पर रहती थी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पैसे के लिए बच्चे को बेचने की योजना बना रही थी।