दिल्ली सरकार के सीनियर अफसर प्रेमोदय खाखा को दुष्कर्म के आरोप में उनकी पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोपी अफसर को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। फिलहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई का जा रही है। लोग इस घटना पर हैरानी जता रहे हैं क्योंकि आरोपी खाका जीएनसीटी के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक के पद पर तैनात थे। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़की की मां आरोपी अफसर को अपना भाई मानती थी। इस कारण मासूम आरोपी अफसर को मामा कहती थी। हैरानी की बात यह है कि आरोपी लगभग 4 महीने तक बच्ची का बार-बार दुष्कर्म करता रहा मगर उस समय यह मामला सामने नहीं आया।

खबर लगती भी तो कैसे क्योंकि अफसर की पत्नी इस वारदात में आऱोपी पति का ही साथ दे रही थी। उसे मासूम बच्ची पर तरस नहीं आई। जबसे यह खबर सामने आई है एक बात जेहन में बार-बार आती है कि आखिर यह बच्ची इस अफसर के चुंगल में कैसे फंसी और फिर अचानक कैसे यह हाईप्रोफाइल मामला लोगों के सामने आ गया।

2020 से शुरू हुई यह कहानी

बच्ची के पिता अपनी पत्नी के साथ बुराड़ी के चर्च जाया करते थे। वहीं पर उनकी मुलाकात अफसर खाखा से हुई थी। खाखा अक्सर चर्च आते थे। अफसर खाखा और लड़की के पिता के बीच बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हो गई। दोनों अक्सर चर्च में मिला करते थे। लड़की की मां ने आरोपी अफसर को अपना भाई मान लिया था। इस कारण बच्ची आरोपी को अपना मामा कहती थी। कोरोना काल बच्ची के पिता को लील गया। पिता के जाने के बाद लड़की के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस बीच सरकारी अफसर मसीहा बनकर उनके सामने गया और अपनी मुंहबोली बहन से कहा कि वह बच्ची को उसके घर पर रहने के लिए छोड़ दे। बच्ची की मां तो पहले से ही अफसर को अपना भाई मानती थी। वह उसे चर्च में मिला था इसलिए वह उस पर पूरा भरोसा करती थी। उसने अफसर की बात मान ली और बच्ची को उसके घर रहने के लिए भेज दिया। इसके बाद ही बच्ची के साथ अफसर ने दरिंदगी शुरू की। उसने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कई बार बच्ची का दुष्कर्म किया। बच्ची जब एक बार गर्भवती हो गई तो अफसर की पत्नी को इस बात की भनक लगी। उसने भी पति का साथ दिया और अपने बेटे से गर्भनिरोधक दवा मंगाकर बच्ची को खिला दिया।

कैसे हुआ मामले का खुलासा

बच्ची गुमशुम रहने लगी। उसकी मां से बात होती थी। उसने मां से कहा कि उसे घर आना है। जब बच्ची की मां उसे अपने साथ लेकर आई तो देखा कि वह कुछ बदली-बदली सी रहती है। वह खामोश है। एकदम शांत। मां बदली हुई बच्ची को देखकर हैरान रह गई। वह कुछ बोलती नहीं थी। एकदम चुपचाप हो गई थी। उसकी तबियत भी ठीक नहीं रहती थी। उसे पैनिक अटैक आने लगे थे। उसे एंजायटी होने लगी थी। इसके बाद वह बच्ची को लेकर अस्पताल गई। डॉक्टरों को समझ आ गया कि बच्ची कुछ मानसिक तौर पर परेशान है। उन्होंने बच्ची की काउंसलिंग शरू की। काउंसलिंग के वक्त बच्ची ने अपने साथ हुए हैवानियत के बारे में डॉक्टर्स को बताया। जिसके बाद मां को मामले की जानकारी हुई। इसके बाद ही मामला सामने आया। जब बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ वह 14 साल की थी। अब वह 17 साल की है और 12वीं की छात्रा है।

अभी भी बयान दर्ज कराने की हालत में नहीं है पीड़िता

बच्ची के खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपी अफसर और उसकी पत्नी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत बलात्कार के आरोप में शिकायत दर्ज की। अफसर की पत्नी पर गर्भपात के लिए लड़की को एबॉर्शन पिल देने का आरोप लगाया गया है।

पीड़िता का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि पीड़िता अभी भी अपना बयान दर्ज कराने की हालत में नहीं हैं। उसकी हालत में सुधार होने के बाद ही उसका बयान दर्ज किया जाएगा।