Delhi Minor Girl Rape Case: दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रेमोदय खाखा को दोस्त की बेटी के साथ दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया गया है। अफसर पर आरोप है कि उसने अपने दोस्त की बेटी का लगभग 4 महीनों तक बार-बार दुष्कर्म किया। वहीं उसकी पत्नी पर आरोप है कि उसने इन सब में पति का साथ दिया। अफसर की पत्नी पर बच्ची को एबॉर्शन पिल देने का आरोप है।
रिपोर्ट के अनुसार, अफसर को जब मामले की भनक लगी तो वह अपने परिवार के साथ भागने की फिराक में था। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान उसकी पत्नी भी साथ थी।
कार में बैठकर भागने की कोशिश कर रहा था आरोपी
इसका एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। जिसमें आरोपी अफसर नीली शर्ट पहने हुए चलती कार में बैठा हुआ है। वह सोमवार को सुबह 9.35 बजे भागने की कोशिश कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने यह फुटेज बरामद कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, अफसर एक वकील के संपर्क में था और गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में जमानत याचिका लगाने की तैयारी कर रहा था। हालांकि पुलिस ने उसे उत्तरी दिल्ली इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
दिल्ली सरकार के सीनियर अफसर प्रेमोदय खाखा पर दोस्त की बेटी का दुष्कर्म करने का आरोप है। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोपी अफसर को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़की की मां आरोपी अफसर को अपना भाई मानती थी। इस कारण मासूम आरोपी अफसर को मामा कहती थी। दरअसल, बच्ची के पिता अपनी पत्नी के साथ बुराड़ी के चर्च जाया करते थे। वहीं पर उनकी मुलाकात अफसर खाखा से हुई थी।
अफसर खाखा और लड़की के पिता के बीच बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे दोनों दोस्त बन गए। वे अक्सर चर्च में मिलने लगे। इसी बीच कोरोना काल में बच्ची के पिता की जान चली गई। पिता के जाने के बाद लड़की के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस बीच सरकारी अफसर मसीहा बनकर उनके सामने गया और लड़की की मां से कहा कि वह बच्ची को उसके घर पर रहने के लिए भेज दे। मां ने अफसर की बात मान ली और बच्ची को उसके घर रहने के लिए भेज दिया। इसके बाद ही बच्ची के साथ अफसर ने दरिंदगी शुरू की।
चार महीने बाद जब बच्ची अपनी मां के पास लौटी तो उसे पैनिक अटैक आने लगे थे। उसे एंजायटी होने लगी थी। इसके बाद वह बच्ची को लेकर अस्पताल गई। डॉक्टरों को समझ आ गया कि बच्ची कुछ मानसिक तौर पर परेशान है। उन्होंने बच्ची की काउंसलिंग शरू की। काउंसलिंग के वक्त बच्ची ने अपने साथ हुए हैवानियत के बारे में डॉक्टर्स को बताया। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।