दिल्ली पुलिस द्वारा एक किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था,जो एनसीआर और हरियाणा में सक्रिय था। इस रैकेट में एक डॉक्टर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस केस में अब कई और बड़े खुलासे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला है कि किडनी रैकेट का कथित मास्टरमाइंड कुलदीप रे विश्वकर्मा (47) राजस्थान के भी एक किडनी रैकेट में शामिल था।
किडनी रैकेट में गिरफ्तारियों के बाद पुलिस को जांच में कई अन्य जानकारियां भी हाथ लगी हैं। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि रैकेट का कथित मास्टरमाइंड कुलदीप रे करीब 20 सालों तक अलग-अलग अस्पतालों में ओटी तकनीशियन का काम कर चुका है। तीन-चार साल पहले वह राजस्थान के एक ऐसे गिरोह के संपर्क में आया, जो अवैध रूप से किडनी बेचने व प्रत्यारोपण का काम करता है।
काफी समय तक उसने राजस्थान के गिरोह के लिए काम किया, लेकिन फिर उसने खुद से इस काम को आजमाने की कोशिश की। इसी क्रम में उसने सोचा कि क्यों न खुद का रैकेट शुरू कर ज्यादा पैसा कमाया जाए। अधिकारियों के मुताबिक, कथित मास्टरमाइंड कुलदीप रे बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स से काफी प्रेरित है, इसलिए वह खुद को ‘रैंचो’ के नाम से बुलाता था। उसे लगता है वह एक बेहतरीन सर्जन है।
बीते दिनों पुलिस ने जानकारी दी थी कि जिस अस्पताल से गिरोह संचालित होता था, वह सोनीपत के गोहाना में गिरोह के एक अन्य सदस्य सोनू रोहिल्ला का दो मंजिला घर था। जांच में सामने आया था कि, दसवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले सोनू रोहिल्ला ने रोहतक के कई अस्पतालों में ओटी तकनीशियन के रूप में काम किया था। किसी भी तरह की जानकारी न होने के बावजूद सोनू ने गिरोह में रहते हुए कथित तौर पर किडनी प्रत्यारोपण से जुड़ी अधिकतर प्रक्रियाओं को अंजाम दिया।
इसके अलावा, पुलिस ने यह भी पाया है कि गिरोह में शामिल डॉक्टर सौरभ मित्तल ने भी कथित तौर पर पहले राजस्थान गिरोह के लिए काम किया था। फिर बाद में उन्हें कुलदीप रे के गिरोह में शामिल होने की पेशकश की गई थी। पुलिस ने बताया कि दिल्ली के बीएलके-मैक्स अस्पताल में बतौर एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के पद पर तैनात मित्तल को उनके काम के लिए कथित तौर पर डेढ़ से ढाई लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा था। दिल्ली पुलिस अब राजस्थान में किडनी रैकेट चलाने वालों की तलाश कर रही है।