राजधानी दिल्ली के स्कूलों में बम के खतरों से निपटने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने और इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उनका पक्ष जानना चाहा। सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रतिभा सिंह की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि ये घटनाएं “स्कूल में कभी नहीं होती थीं” और “यह बहुत डरावना है।”

स्कूलों को मिली बम धमकियों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट तलब

हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्कूलों को मिली बम धमकियों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा। कोर्ट ने एक्शन कमेटी और गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को भी याचिका में पक्षकार बनाया। मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की गई है। कोर्ट अर्पित भार्गव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उसने याचिका में कहा था कि उसका बच्चा डीपीएस मथुरा रोड में पढ़ता है।

दिल्ली के स्कूल में बम की धमकी के खिलाफ बने एक्शन प्लान

भार्गव ने अपनी याचिका में कहा कि वह दिल्ली के स्कूलों में लगातार बम होने की धमकी वाले ईमेल से निपटने में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की ‘निष्क्रियता और उदासीन दृष्टिकोण’ और ‘बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिकारियों की विफलता’ से दुखी हैं। उन्होंने कोर्ट से शिक्षकों, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों को इस हालत के दोबारा होने से बचने के लिए साथ मिलकर एक्शन प्लान की मांग की है।

डीपीएस मथुरा रोड समेत कई स्कूलों को मिली है धमकी

याचिका डीपीएस मथुरा रोड पर 26 अप्रैल की घटना का हवाला देती है। उस घटना में कुछ बदमाशों ने डीपीएस मथुरा रोड स्कूल परिसर में बम होने के संबंध में एक ईमेल भेजा था। इससे सभी के लिए अराजकता पैदा हुई। छात्रों और अभिभावकों को इससे मानसिक और भावनात्मक आघात पहुंचा। याचिका में कहा गया है कि यह घटना अफवाह निकली। याचिका में साकेत में इंडियन स्कूल सादिक नगर और अमृता स्कूल, पुष्प विहार में हुई इसी तरह की घटनाओं का भी संदर्भ दिया गया है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं सख्त कदम

याचिका में पुलिस और सरकार द्वारा एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने और उसे लागू करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता को ऐसी घटनाओं के संबंध में कहीं भी कोई नहीं मिला। दलील में कहा गया है, “कार्य योजना दिल्ली भर के स्कूलों में बम के खतरों की ऐसी बार-बार होने वाली घटनाओं से निपटने और एक नियमित निकासी ड्रिल तैयार करने और ऐसे अन्य अभ्यासों को तैयार करने के संबंध में है जो स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा के लिए किए जाने बेहद जरूरी हैं।”

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आगे न हो पाए ऐसी घटना, तय हो जवाबदेही

याचिका में भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए “हाल के दिनों में उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करने” के लिए पुलिस और सरकार को एक निर्देश देने के लिए भी प्रार्थना करता है। याचिका करने वाले ने उत्तरदाताओं को “बदमाशों की पहचान करने, कड़ी कार्रवाई करने और पिछले दो महीनों में स्कूलों में बम विस्फोट की झूठी धमकी देने वालों के खिलाफ समयबद्ध तरीके से जवाबदेही तय करने” से जुड़ा निर्देश देने की मांग करता है।