Delhi fake loan apps racket busted: दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने दो महीने के लंबे ऑपरेशन में राजधानी और अन्य राज्यों से 22 लोगों को गिरफ्तार करके एक फर्जी लोन ऐप से जबरन वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैकेट में 100 से अधिक एप्लिकेशन शामिल थे, जिनका उपयोग यूजर्स से जुड़े सेंसिटिव जानकारी हासिल करने के लिए किया गया था, जिसे बाद में चीन और हांगकांग स्थित सर्वर पर अपलोड किया गया था।

कई राज्यों में फैला था ठगी का नेटवर्क

दो महीने से अधिक समय तक चले गिरोह के ऑपरेशन के बाद रैकेट दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फैला हुआ था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर लोगों को फर्जी लोन प्लान का लालच दिया और बाद में उनके पर्सनल डेटा का उपयोग करके उनसे पैसे वसूल किए। फिर क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से पैसा चीन में अपने सहयोगियों को भेजा गया था।

ऑनलाइन सर्वर का करते थे यूज

पुलिस ने शनिवार को कहा कि उन्हें जबरन वसूली में शामिल 100 ऐसे फर्जी लोन ऐप मिले हैं, जबकि ठगी गई रकम 500 करोड़ रुपये से अधिक की है और यह 5,000 करोड़ तक जा सकती है। आरोपी खुद के काले धंधे को छुपाने के लिए ऑनलाइन सर्वर का इस्तेमाल करते थे। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी से बचने के लिए यह गिरोह अपने कॉल सेंटरों को पाकिस्तान और पड़ोसी देशों में ट्रांसफर करने की योजना बना रहा था।

IFSO Unit पुलिस उपायुक्त ने दी जानकारी

यह मामला तब सामने आया जब कई लोगों ने दिल्ली पुलिस, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और अन्य जांच एजेंसियों के पास इंस्टेंट लोन ऐप के बारे में शिकायत दर्ज कराई, जो यूजर्स से उनकी मॉर्फ्ड नग्न तस्वीरों के बदले पैसे वसूल रहे थे। पुलिस उपायुक्त (IFSO Unit) केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग नंबरों से यूजर्स को कॉल कर मॉर्फ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते थे और पैसे की उगाही करते थे।

रोजाना करते थे 1 करोड़ की उगाही

पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह ब्याज सहित पैसे की पूरी वसूली के बाद उसे चीन भेज देता था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोग अपनी इज्जत और समाज में अपनी छवि खराब होने से बचाने के लिए पैसे का भुगतान करते थे, जिसे बाद में हवाला के माध्यम से या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद चीन भेज दिया जाता था। इस गिरोह ने कथित तौर पर कई खातों का इस्तेमाल किया और प्रत्येक खाते में रोजाना 1 करोड़ से अधिक रुपए ऐंठे थे।

पुलिस ने मॉडल के जरिये समझाया गिरोह का काम (Photo Credit – ANI)

इन ऐप से सतर्क रहने की जरूरत

पुलिस ने कुछ मुख्य ऐप की पहचान भी की है, जिनमें Cash Port, Rupee Way, Loan Cube, Wow Rupee, Smart Wallet, Giant Wallet, Hi Rupee, Swift Rupee, Walletwin, Fishclub, Yeahcash, Im Loan, Growtree, Magic Balance, Yocash, Fortune Tree, Supercoin, Red Magic का नाम शामिल है।

ये सब हुआ बरामद

गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्यों के पास पुलिस ने 51 मोबाइल फोन, 25 हार्ड डिस्क, नौ लैपटॉप, 19 डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड और तीन कारें और 4 लाख नकद बरामद किए हैं। गिरफ्तार सदस्यों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया है कि रैकेट चीनी नागरिकों के इशारे पर चलाया जाता था। पुलिस ने कुछ चीनी नागरिकों की पहचान की है और उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।