पंजाब के संगरूर में एक दलित मजदूर की पिटाई और अपना पेशाब पीने के लिए मजबूर करने से लगी चोट से उसकी मौत के एक दिन बाद उसके परिवार ने चंडीगढ़ के पीजीआई में रविवार को धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार से अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन प्राप्त होने के बाद ही पोस्टमार्टम करने देने की बात कही। संगरूर में दलित संगठनों ने परिवार के समर्थन में संगरूर-जाखल राज्य राजमार्ग की अनिश्चितकालीन नाकाबंदी शुरू कर दी है। परिवार ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए की मांग की है। राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता, परिजनों को नौकरी और एससी/एसटी अधिनियम के अनुसार पेंशन की पेशकश की है।
सभी आरोपी गिरफ्तार : संगरूर के चंगाली वाला गांव के जगमले सिंह (37) की शनिवार को मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी चार आरोपियों अमरजीत सिंह, उसके बेटे रिंकू और उसके दोस्तों, लकी और बिंदर को गिरफ्तार कर लिया है। चारों उसी गांव के रहने वाले हैं। इन लोगों ने कथित तौर पर 21 अक्टूबर को हुए एक विवाद के बाद जगमले को निशाना बनाया था। ये सभी जाट सिख समुदाय के हैं। चारों आरोपियों पर हत्या और एससी / एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बीच पीड़ित का शव PGIMER चंडीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है।
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पत्नी ने कहा, पति का किया गया थर्ड डिग्री टार्चर : जगमले की पत्नी मंजीत कौर ने कहा, “हमें 50 लाख रुपए दिए जाएं। आरोपियों ने मेरे पति को थर्ड डिग्री की तरह प्रताड़ित कर मारा है। सरकार को हमें क्षतिपूर्ति देनी चाहिए।” पीजीआई में अपने मामा मंजीत कौर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे जगमले के भतीजे गुरदीप सिंह थांडीवाल ने कहा कि मुआवजे के अलावा परिवार ने सरकार से एक लिखित आश्वासन की मांग की है। पीड़ित की बहन बलजीत कौर ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे पीजीआई में विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगी।
परिवार की अनुमति के बिना नहीं हो सकता पोस्टमार्टम : इस बीच संगरूर जिले के डीएसपी बूटा सिंह गिल ने कहा, “घंटों तक समझाने के बाद भी परिवार वाले हमें पोस्टमॉर्टम करवाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। पोस्टमॉर्टम करवाना बहुत जरूरी है और डॉक्टर इसे परिवार की मंजूरी के बिना नहीं कर सकते हैं। हम परिवार को मनाने के लिए कल फिर जाएंगे।” उनका कहना है कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।