देश में लगातार साइबर क्राइम की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसी क्रम में हरियाणा पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि प्रदेश में साइबर अपराध की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन जनता की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने इस साल जनवरी से जून के बीच करीब 7 करोड़ का लेनदेन आम आदमी के खातों से ठगों के खाते में जाने से रोका गया है।

शनिवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा में हाल के वर्षों में साइबर अपराध की शिकायतों में वृद्धि देखी गई है। इस साल पहले छह महीनों के दौरान 2019 में दर्ज कुल 366 के मुकाबले 1,010 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, वह साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए कई सारे विकल्पों पर काम कर रहे हैं।

राज्य अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के अनुसार, “साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर साइबर अपराध की शिकायतों के आधार पर, 1 जनवरी से जून 2022 के बीच राज्य पुलिस ने शिकंजा कसते हुए ‘साइबर ठगों’ के खातों में ट्रांसफर हुए करीब 6.8 करोड़ रुपयों को पीड़ितों को लौटा दिया।”

ओपी सिंह ने कहा कि वर्तमान में 309 साइबर डेस्क और 29 पुलिस स्टेशनों में 1,000 से अधिक पुलिस अधिकारी साइबर अपराधियों से निपटने के लिए तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, “इन यूनिट्स को सीधे तौर पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 के जरिए शिकायतें मिलती हैं। जिसके बाद इस संबंध में पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।”

इसी मामले में, हरियाणा में साइबर अपराध की नोडल एजेंसी, राज्य अपराध शाखा के एक प्रवक्ता ने कहा, पुलिस ने साल 2019 में 366 मामले, साल 2020 में 676, 2021 में 670 मामले और इस साल 2022 के पहले छह महीनों में 1010 मामले दर्ज किए हैं। ओपी सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराध की शिकायतों में वृद्धि के साथ, पुलिस साइबर अपराध की जांच में अपने कर्मियों को प्रशिक्षित कर रही है।

ओपी सिंह के मुताबिक, उनका प्रयास है कि हर पुलिस स्टेशन में एक साइबर डेस्क और हर जिले और रेंज मुख्यालय में एक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किया जाए। इसके अलावा, राज्य अपराध शाखा साइबर सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘साइबर सेफ इंडिया’ नामक कार्यक्रम पर काम कर रही है।