महाराष्ट्र में कोरोना वायरस ने लोगों को खौफ में डाल दिया है। इस बीच यहां के अस्पताल में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मुंबई के आर. एन. कूपर म्यूनिसिपल जनरल हॉस्पिटल में 2 कोरोना संदिग्ध मरीजों की मौत के बाद उनके शव घंटों तक वार्ड में ही पड़े रहे। गंभीर बात यह भी है कि इस दौरान वार्ड में 4-5 अन्य मरीज भी थे।
घटना के बारे में विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इनमें से एक शव करीब 10 घंटे तक जबकि दूसरा शव करीब 20 घंटे तक अस्पताल के वार्ड में पड़ा रहा। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों ने अस्पताल प्रशासन से शवों को हटाने की मांग भी की लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी। यह शव उसी वार्ड में घंटों तक यूं ही पड़े रहे और उन्हें लेने कोई नहीं आया।
बताया जा रहा है कि अस्पताल के कर्मचारी कोरोना के दहशत की वजह से इन शवों को छूने के लिए तैयार नहीं थे। बताया जा रहा है कि एक मृतक का नाम रघुनाथ जाधव है। 58 साल के रघुनाथ यादव की मौत बुधवार की शाम 6 बजे हुई थी। लेकिन उनके बेटे को उनका शव अगले दिन शाम 4.30 बजे दिया गया। वहीं वार्ड में दूसरी लाश एक बुजुर्ग महिला की थी जिनके परिजनों को भी लाश काफी देर से सौंपी गई।
इस पूरे मामले पर कूपर अस्पताल की डीन, डॉक्टर पिनाकीन गुज्जर ने कहा कि डेड बॉडी को वहां से हटाने में इसलिए देर हुई क्योंकि अस्पताल के कर्मचारियों ने बॉडी को चादर में लपेटने और छूने से मना कर दिया था।
बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने बॉडी का पंचनामा किया। आपको बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है। कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले इसी राज्य से आए हैं।
कोरोना वायरस इस वक्त पूरे देश में कहर बरपा रहा है। अस्पताल में चिकित्सक इस वायरस से आर-पार की लड़ाई में जुटे हुए हैं। कई चिकित्सक भी अब तक कोरोना वायरस के चपेट में आ चुके हैं।
जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है या जिन अस्पतालों के वार्ड में वायरस के संदिग्ध मरीजों को रखा गया है, वहां स्वास्थ्यकर्मियों से खास सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। ऐसे में ऐसी लापरवाही भारी पड़ सकती है।

