पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बुधवार (11 सितंबर) सुबह बच्चा चोर होने के शक में एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया। वहीं, इस संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आसनसोल के सालानपुर इलाके में हुई इस घटना में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है। उधर, कूच बिहार में भी लोगों ने बच्चा चोरी के शक में एक विक्षिप्त शख्स को धुन डाला। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित को किसी तरह बचाया।
2 बार पीटा, जिससे हुई मौत: आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ ने सुबह से ही इलाके में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे 35 से 40 साल के एक अज्ञात व्यक्ति को खंभे से बांध दिया और बच्चा चोर होने के संदेह में उसे पीटा। इसके बाद लोगों ने उसे खोल दिया और दोबारा पीटा।
National Hindi Khabar, 12 September 2019 LIVE News Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
अस्पताल में तोड़ा दम: अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने उस व्यक्ति को भीड़ से बचाया। हालांकि, सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस संबंध में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। हमने घटना के वायरल वीडियो के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वहीं, कई लोग हिरासत में लिए गए हैं।’’
30 अगस्त को पारित हुआ था मॉब लिंचिंग से संबंधित विधेयक: बता दें कि पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग से संबंधित विधेयक 30 अगस्त को पारित हुआ था। उसके बाद भीड़ के हाथों हत्या की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 4 सितंबर को अज्ञात हमलावरों ने कबीर शेख नामक एक मिस्त्री को मार डाला था। मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में उसे मृत घोषित किया गया था।
कूच बिहार में पीड़ित को बचाया: बता दें कि बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से इस तरह के 3 और मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों को बचा लिया गया। इनमें से एक घटना कूच बिहार में हुई, जहां 32 वर्षीय एक शख्स को लोगों ने बच्चा चोरी के शक में पीट डाला। यह घटना मंगलवार (10 सितंबर) शाम करीब 8 बजे हुई।
मॉब लिंचिंग पर राजनीति शुरू : मॉब लिंचिंग की घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। दोनों ने घटना के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया है। टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘मॉब लिंचिंग के मामले में कानून अपना काम करेगा। हालांकि, मैं यह बताना चाहूंगा कि जहां कहीं भी बीजेपी सत्ता में है या अपनी जमीन तैयार कर रही है, वहां मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार हो रही हैं। बीजेपी और उसके सहयोगी मॉब लिंचिंग का समर्थन करते हैं और लोगों को आतंकित करने के लिए एक हथियार के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं।
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बीजेपी ने टीएमसी के आरोपों को नकारा: बीजेपी ने टीएमसी के आरोपों को आधारहीन बताया है। पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘इनमें से किसी भी घटना में न तो कोई बीजेपी नेता और न ही कोई कार्यकर्ता शामिल है। दरअसल, मॉब लिंचिंग की इन घटनाओं से यह साबित हो गया है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के शासन के दौरान कानून व्यवस्था बदतर हो गई है।’’ वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार मॉब लिंचिंग की घटनाओं को नियंत्रित करने में विफल रही है। वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रबर्ती ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।