सीबीआई ने 34,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटरों कपिल और धीरज वधावन और 74 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। अधिकारियों ने कहा कि चार्जशीट में पूर्व सीईओ हर्षिल मेहता को भी मेगा-स्कैम मामले में एक आरोपी के रूप में शामिल किया गया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने डीएचएफएल के तत्कालीन सीएमडी कपिल वधावन, डीएचएफएल के तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और 74 अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ 57 कंपनियों के खिलाफ नई दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि इस मामले में 17 बैंकों के संघ (Consortium) को धोखा दिया गया है।
इस मामले के बारे में अधिकारियों ने कहा कि चार्जशीट में पूर्व सीईओ हर्षिल मेहता को भी मेगा-स्कैम मामले में एक आरोपी के रूप में शामिल किया गया है। बता दें कि, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के पूर्व प्रमोटरों कपिल और धीरज को सीबीआई ने करोड़ों रुपये के बैंक ऋण घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी 19 जुलाई को दर्ज हुई एफआईआर के तहत की गई थी।
केंद्रीय एजेंसी ने जून में डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी मामले में 17 बैंकों के एक संघ से कथित तौर पर 34,000 करोड़ की धोखाधड़ी करने के लिए मामला दर्ज किया था, जिससे यह देश का सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला बन गया था। एजेंसी ने चार्जशीट में 18 व्यक्तियों और 57 कंपनियों को सूचीबद्ध किया है, जिनके माध्यम से धन का लेन-देन किया गया था।
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत ने डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटरों कपिल वधावन और उनके भाई धीरज की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आरोपियों ने अदालत के सामने दावा किया था कि सीबीआई ने गिरफ्तारी से 60 दिनों की जरूरी समयवधि के भीतर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है, इसलिए उनके पास डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि जारी जांच में 90 दिनों के भीतर सीआरपीसी की धारा 167(2)(A)(i) के तहत चार्जशीट दाखिल करना होगा। फिलहाल कथित भ्रष्टाचार के मामले में वधावन बंधु सीबीआई जांच के घेरे में हैं।