Shamima Begum: कभी बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश नागरिक रही शमीमा बेगम का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, गुरुवार को प्रकाशित की जाने वाली रिचर्ड करबाज की किताब ‘द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ द फाइव आइज़’ (The Secret History of the Five Eyes) में दावा किया गया है कि इस्लामिक स्टेट के लिए डबल एजेंट के रूप में काम करने वाले एक कनाडाई जासूस ने शमीमा बेगम और उसके दो दोस्तों की सीरिया में तस्करी की थी। बता दें कि, सीरिया पहुंचने के बाद ब्रिटिश सरकार ने शमीमा की नागरिकता छीन ली थी।

द टाइम्स के मुताबिक, किताब में दावा किया गया है कि लड़कियों के लापता होने में भूमिका को छिपाने के लिए ब्रिटेन ने कनाडा के साथ साजिश रची थी। कनाडा ने निजी तौर पर अपनी भागीदारी स्वीकार की और फिर ब्रिटिश अधिकारियों से अपनी भूमिका को छिपाने के लिए कहा। किताब में ‘फाइव आइज’ कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच इंटेलीजेंस शेयरिंग के नेटवर्क को बताता है। किताब के राइटर, पत्रकार रिचर्ड करबाज (Richard Kerbaj) का दावा है कि कनाडा ने आखिर में अपने एक एजेंट की भूमिका को कबूल लिया था क्योंकि उन्हें डर था कि इस साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा।

15 साल की शमीमा का नाम साल 2015 में तब चर्चा में था, जब उसने अपनी दो दोस्तों खादिजा सुल्ताना और अमीरा अबासे के साथ आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ दिया था। बताया गया है कि शमीमा एक कनाडाई खुफिया और ISIS के लिए काम करने वाले डबल-एजेंट मोहम्मद अल रशीद से इस्तांबुल (Instanbul) ट्रेन स्टेशन पर मिली थी।

रशीद ने ही शमीमा व उनके दोस्तों को तुर्की के रास्ते सीरिया में तस्करी की थी। हालांकि, सीरिया पहुंचने के कुछ दिन बाद ही रशीद को तुर्की के सानिलुउरफा में गिरफ्तार कर लिया गया था। दावा किया गया है जिस समय शमीमा अपने दोस्तों के साथ देश छोड़कर निकली थी, तब उनकी तलाश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई थी लेकिन कनाडा सब कुछ जानते हुए चुप रहा था। बाद में फरवरी, 2019 में एक सीरियाई शरणार्थी शिविर (Syria Refugee Camp) में शमीमा बेगम नौ महीने की गर्भवती पाई गई थी।

बता दें कि सीरिया जाने वाली शमीमा के साथ गई सुल्ताना कथित तौर पर रूसी हवाई हमले में मारी गई थी, जबकि अबासे लापता है। बेगम ने कहा कि उसने आईएस के इलाके में पहुंचने के 10 दिन बाद ही यागो रिडिज्क (Dutch convert Yago Riedijk) से शादी की थी। शमीमा ने पहले द टाइम्स को बताया था कि उसने जनवरी 2017 में अपने पति के साथ रक्का छोड़ दिया था लेकिन उसके दोनों बच्चों की मौत हो गई थी। कई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उनके तीसरे बच्चे की मार्च 2019 में अल-रोज कैंप में मौत हो गई थी।

हालांकि, अब इस खुलासे के बाद शमीमा बेगम (Shamima Begum) के वकील उनकी नागरिकता वापस करने की मांग कर रहे हैं, उनका तर्क है कि बेगम तस्करी की शिकार थीं। जबकि कनाडा और यूनाइटेड किंगडम ने सुरक्षा कारणों के चलते इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सीरिया से चार साल बाद ब्रिटेन लौटने की कोशिश के बाद बेगम की नागरिकता छीन ली गई थी और कहा गया कि वह कभी वापस नहीं आ पाएगी।