झारखंड के बोकारों में बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा अवसादग्रस्त होने के बाद गलत कदम उठाने का मामला सामने आया है। यहां 75 वर्षीय अखिलेश्वर प्रसाद ने 70 साल की पत्नी मंजू के साथ आत्महत्या की कोशिश की है। इस निराशा भरी कोशिश में पत्नी मंजू देवी की मौत हो गई है जबकि अखिलेश्वर प्रसाद का इलाज गंभीर हालत में अस्पताल में जारी है। मौके पर मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस इसे आत्महत्या का प्रयास मानकर जांच कर रही है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड बीएसएल कर्मी अखिलेश्वर प्रसाद पत्नी मंजू देवी के साथ बोकारो स्थित घर में रहते हैं। तीन बेटे और एक बेटी होने के बावजूद बुजुर्ग अकेले रहने के चलते अवसाद ग्रस्त हो गए थे। खासकर पत्नी के लकवाग्रस्त हो जाने के बाद पिता के लिए जिंदगी किसी पहाड़ से कम नहीं थी।

शनिवार सुबह 9.30 बजे नौकरानी घर पहुंची तो देखा कि मंजू देवी के हाथ की नस कटी हुई है और अखिलेश्वर के गले से खून रिस रहा है, उसने तुरंत पड़ोसियों की इसकी जानकारी दी। पड़ोसी जब अस्पताल पहुंचे तो मंजू देवी की मौत हो चुकी थी वहीं रिटायर्ड बीएसएल कर्मी की हालत नाजुक बनी हुई थी, लिहाजा उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार मौके से चाकू, पेचकस और ब्लेड बरामद हुआ है।

पार्षद अंबुज मंडल ने बताया कि अखिलेश्वर प्रसाद को आर्थिक रुप से कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन वह अकेले रहने से परेशान रहा करते थे। उनके तीन बेटे हैं, राजीव रंजन औऱ संजीव नोएडा में रहते हैं जबकि एक बेटा राकेश कुमार अहमदाबाद में रहता है। तीन में से कोई भी बेटा पिछले 7-8 साल से माता पिता से मिलने नहीं आया है, पिछले दिनों वाराणसी से बेटी मुलाकात के लिए आई थी।

भागती दौड़ती भरी जिंदगी में हमारी प्राथमिकताओं में आया बदलाव अब जिंदगी के लिए कठिन साबित होता दिखाई दे रहा है। परिवार होने के बावजूद अकेले रहना किसी भी बुजुर्ग के लिए मुश्किल होगा।