राजस्थान के दौसा में गैंगरेप और हत्या के मामले में विपक्षी भाजपा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आलोचना की। इसके अलावा भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार पर उनकी सहमति के बिना शव का अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया। हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इंकार किया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

भाजपा नेता और विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौर ने मंगलवार को जयपुर में पत्रकारों से बात की। इस दौरान पुलिस पर परिवार पर दबाव बढ़ाने और उनकी सहमति के बिना शव का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया। राठौर इस घटना के लिए भाजपा द्वारा गठित एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का हिस्सा थे। बता दें कि, कमेटी मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने भी गई थी।

डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि परिवार की अनुमति से अंतिम संस्कार किया गया। लाठेर ने यह भी कहा कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और 12 घंटे के भीतर महिला के क्षत-विक्षत शव का पता लगा लिया गया। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से पता चला कि एक बच्चा और महिला एक कार में सवार हो गए थे।

एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरदा ने मंगलवार को कहा कि, पुलिस द्वारा बच्चे से पूछताछ करने के बाद उसने बताया कि वह और महिला अलग-अलग यात्रा कर रहे थे और कार में सवार लोगों ने छोड़ने के लिए कहा था, जिसके लिए वे राजी हो गए। फिर आरोपी ने बच्चे को उसके गांव छोड़ दिया। इसके बाद महिला का शव एक सूखे कुएं में मिला था। मेहरदा ने कहा कि दो आरोपियों कालूराम मीणा (23) और संजू मीणा (18) को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरदा ने आगे कहा कि दौसा पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि, 23 अप्रैल की सुबह एक महिला जयपुर से दौसा में अपने माता-पिता के घर जा रही थी। जब वह अपने मायके से छह किलोमीटर दूर थी तभी एक बस स्टैंड पर उतरने के बाद आरोपियों के द्वारा कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था।