बिहार के छपरा जिले के एक गांव में 3 साल की मासूम बच्ची को जिंदा दफनाने का मामला सामने आया है। अच्छा हुआ कि गांव की कुछ महिलाओं ने समय रहते उसे बचा लिया। हैरानी भरी बात यह है कि गड्ढे से निकाले जाने के बाद बच्ची ने जो बताया वह सुनकर सभी लोग सन्न रह गए। कोपा पुलिस ने बताया कि बच्ची के परिजनों का पता लगाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, घटना बिहार में छपरा जिले के कोपा इलाके में स्थित कब्रिस्तान से सामने आई है। नदी किनारे के गांव की कुछ महिलाएं रविवार के दिन जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। इसी दौरान कुछ महिलाओं ने कब्रिस्तान के पास एक जगह पर मिट्टी हिलते हुई देखी। पहले तो वह डर गई लेकिन जब हिम्मत बांधकर नजदीक गई तो वह हैरान रह गईं।

उन महिलाओं ने उस जगह की मिट्टी हटाई तो देखा कि एक मासूम सी बच्ची मिट्टी में सनी हुई पड़ी है। महिलाओं ने बच्ची को निकाला तो देखा कि उसके मुंह में मिट्टी भरी हुई थी। इसके बाद तुरंत सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस के पहुंचने के बाद सहमी बच्ची से बातचीत की गई लेकिन वह अपने गांव का नाम नहीं बता पाई।

कुछ देर बाद जब वह स्थिर हुई तो बताया कि उसका नाम लाली है और उसकी मां का नाम रेखा है। इस दौरान उसने पूछताछ में काफी मशक्कत के बाद बताया कि उसकी मां और नानी उसे घुमाने लाई थी। पुलिस ने बच्ची के हवाले से बताया कि जब उसे गड्ढे में दफनाया गया तो वह रो रही थी लेकिन आवाज बंद करने के लिए उसकी मां ने मुंह में मिट्टी भर दी।

मामले में जानकारी देते हुए कोपा थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर एएसआई रवींद्र सिंह को भेजा गया था। जिन्होंने जानकारी दी कि उनके पहुंचने पर बच्ची को निकला लिया गया था। ग्रामीण उसे पानी पिलाकर शांत करने की कोशिश में लगे हुए थे।

फिर पुलिस ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था। कोपा पुलिस के मुताबिक, घटना को देखकर समझ आता है कि बच्ची को थोड़ी देर पहले ही दफनाया गया होगा तभी उसे बचाया जा सका। हालांकि, अब पुलिस उसके परिजनों को पता लगा रही है।