जनता दल यूनाइटेड द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद चकाई विधानसभा के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े और राजद विधायक सावित्री देवी को 688 मतों से पराजित कर जीत हासिल की। निर्दलीय जीतने के बाद अब उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की है जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सुमित सिंह एनडीए को अपना समर्थन दे सकते हैं। सुमित सिंह, नीतीश कैबिनेट में कृषि मंत्री रह चुके नरेंद्र सिंह के बेटे हैं।  यकीनन सुमित सिंह बेदाग छवि के नहीं हैं। सुमित सिंह और उनके पिता नरेंद्र सिंह पर धोखाधड़ी का केस दर्ज है। इस केस में मुंगेर की एसपी ने सुमित सिंह और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया था।

दरअसल सुमित सिंह और उनके पिता और राज्य के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश मुंगेर की एसपी लिपि सिंह ने इसी साल जारी कर दिया था। साल 2018 में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का फर्जी पीए बनकर ठगी करने का एक मामला उजागर हुआ था। इस मामले में पुलिस ने ब्रजेश उर्फ बमबम सिंह नाम के एक युवक को पकड़ा था। पुलिस ने बताया था कि जांच के दौरान सामने आया था कि बमबम सिंह ने झारखंड के देवघर रिखिया में बजरंगी महतो से एक जमीन को लेकर पांच करोड़ रुपये का एग्रीमेंट किया था। इसमें पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके बेटे सुमित ने मध्यस्थता की थी। इसके एवज में दोनों को एक करोड़ रुपये मिलने वाले थे।

इस मामले के खुलासे के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया था। हालांकि सुमित सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया था। सुमित सिंह को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके दादा श्रीकृष्णानंद सिंह दो बार चकई से चुनाव जीत कर विधायक रहे हैं। सुमित सिंह के भाई अभय भी विधायक रहे हैं। साल 2010 में उन्होंने पारिवारिक विवाद की वजह से अपनी पत्नी और बेटी की हत्या कर खुदकुशी कर ली थी।

सुमित सिंह के पिता नरेंद्र सिंह पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति और जेपी आंदोलन से उभरे नेता बताए जाते हैं। नरेंद्र सिंह कई बार विधानसभा के सदस्य रहे और गृह जिला जमुई में उनका राजनीतिक दबदबा माना जाता है। मुखर और अक्खड़ नेता की छवि वाले नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्रित्वव काल में मंत्री रहे। उन्होंने लालू के खिलाफ रामविलास पासवान से राजनीतिक दोस्ती की और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने।

बहरहाल सुमित सिंह के जेडीयू को समर्थन देने की खबरों के बीच विधानसभा में एनडीए की ताकत बढ़ जाएगी। इस वक्त एनडीए के पास 125 (बीजेपी-74, जेडीयू-43, वीआइपी-4, हम-4) विधायक हैं। दूसरी तरफ सुमित सिंह के समर्थन के बाद एनडीए के विधायकों की संख्या बढ़कर 126 हो जाएगी।