बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर सभी राजनीति दल कमर कस चुके हैं। जदयू ने अपने 117 प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी कर दी है। यूं तो किसी भी पार्टी ने हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी दागियों या अपने क्षेत्र के बाहुबलियों से परहेज नहीं किया है। आज बात करेंगे जेल की हवा खा चुकीं बेगूसराय जिले से जनता दल यूनाइटेड की उम्मीदवार मंजू वर्मा की। मंजू वर्मा पर भी कई गंभीर आरोप लगे।
मंजू वर्मा जेल जा चुकी हैं और वो फिलहाल जमानत पर हैं। लेकिन मंजू वर्मा से कही ज्यादा भयानक उनके पति का आपराधिक इतिहास रहा है। बिहार का चर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह रेप कांड तो आपको याद ही होगा। आश्रय गृह में रहने वाली कई लड़कियों ने अपने साथ शेल्टर होम में दुष्कर्म होने का आरोप लगाया था। इस मामले में मुख्य आरोपी था ब्रजेश ठाकुर। जब जांच शुरू हुई तो जांच की आंच पहुंची मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा पर। यह भी बेहद दिलचस्प है कि उस वक्त मंजू वर्मा सुशासन की सरकार में समाज कल्याण मंत्री थीं।
संगीन आरोप लगते हैं मंत्री के पति फरार हो गए और कई दिनों तक नीतीश कुमार की पुलिस उन्हें ढूंढती रह गई। आखिरकार 19 नवंबर 2018 को चंद्रशेखर वर्मा ने खुद कोर्ट में आकर सरेंडर कर दिया। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।
चिकित्सीय जांच में बालिका गृह की 42 में से 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई थी। टिस की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि आश्रय गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। मंत्री के पति का नाम इस मामले में उछलने के बाद तो हंगामा मच गया। कई दिनों तक मंजू वर्मा मंत्री के पद पर बनी रहीं लेकिन जब सरकार की किरकिरी हुई तब मंजू वर्मा को 8 अगस्त 2018 को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
उनके घर पर पड़े सीबीआई के छापे में अवैध हथियार और करीब 50 कारतूस बरामद हुए थे। मंजू वर्मा को बाद में जदयू ने पार्टी से भी निकाल दिया था। तब जांच से बचने के लिए मंजू वर्मा फरार हो गई थीं। 12 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा के घर से हथियार बरामद होने से संबंधित मामले में उन्हें गिरफ़्तार न किए जाने पर नाराज़गी जताते हुए राज्य के डीजीपी को तलब किया था।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बिहार पुलिस ने मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित घर के बाहर संपत्ति जब्त करने का नोटिस लगाया था, जिसके बाद मंजू वर्मा ने 20 नवंबर 2018 को वहां की एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया था।
मामले की जांच के दौरान मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ कथित तौर करीबी संबंध होने का पता चला था। चंद्रशेखर वर्मा ने हथियार मामले में 19 नवंबर 2018 को बेगूसराय की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। चंद्रशेखर वर्मा एक महीने तक फरार रहे थे।
