Biggest car thief Anil Chauhan arrested: दिल्ली पुलिस ने देश के सबसे बड़े कार चोर यानी अनिल चौहान को सोमवार, 5 सितंबर को सेंट्रल दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। अनिल पर आरोप है कि उसने करीब 3 दशक के भीतर 5 हजार से ज्यादा कारों की चोरी की। पुलिस के मुताबिक, कई सालों पहले अनिल चौहान नॉर्थ-ईस्ट में जाकर बस गया था और वह असम सरकार के साथ मिलकर सरकारी ठेकेदार के रूप में काम कर रहा था। अनिल की तीन पत्नियों से सात बच्चे हैं, लेकिन उसकी दो पत्नियों ने ईडी के एक्शन के बाद उसे छोड़ दिया था। दोनों पत्नियों के मुताबिक, वह उसे कार डीलर समझती थी लेकिन असल में वह कार चोर था।
सबसे बड़े कार चोर के बारे में बोली दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 52 साल के अनिल ने देश में अलग-अलग जगहों से 5,000 से अधिक कारें चुराईं। अनिल ने चोरी को अंजाम देते हुए दिल्ली, मुंबई और नॉर्थ-ईस्ट में अकूत संपत्ति बनाई। सबसे बड़े कार चोर के बारे में पुलिस का कहना है कि फिलहाल वह कथित तौर पर उत्तर प्रदेश से हथियार लेकर नॉर्थ-ईस्ट के प्रदेशों में प्रतिबंधित संगठनों को सप्लाई कर रहा था। सेंट्रल दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने अनिल को देशबंधु गुप्ता रोड इलाके से पकड़ा है।
चलाता था ऑटो रिक्शा, मारुति कारों पर साफ किया हाथ
दिल्ली के खानपुर इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने वाले अनिल ने साल 1994-95 के बाद से कार चोरी शुरू की। उस दौर में अनिल सबसे ज्यादा मारुति-800 कार चुराने के लिए कुख्यात रहा। पुलिस के अनुसार, अनिल चौहान देश के अलग-अलग हिस्सों में कार की चोरी कर उन्हें नेपाल, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट के प्रदेशों में भेजने का काम करता था।
चोरी के दौरान अनिल ने की हत्याएं, असम में बस गया
देश के सबसे बड़े कार चोर के बारे में पुलिस ने यह भी बताया कि चोरी के दौरान अनिल ने कुछ टैक्सी चालकों की हत्या भी कर दी थी। उसने मारुति-800 कारों की चोरी के साथ अलग-अलग गाड़ियां चुराईं। पुलिस के अनुसार, कार चोरी करने के सिलसिले में वह असम चला गया और वहां रहने लगा। चोरी से कमाए गए पैसों से उसने देश के अलग-अलग राज्यों में बेहिसाब संपत्ति बनाई।
तीन पत्नियां, सात बच्चे और सरकारी ठेकेदार
पुलिस के मुताबिक, अनिल की तीन पत्नियां और सात बच्चे हैं। इस समय वह असम में सरकारी ठेकेदार बन गया था और वहां के स्थानीय नेताओं के संपर्क में था। चोरी की दुनिया में कुख्यात रहे अनिल चौहान के खिलाफ देश की नामी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था। इन सालों के दौरान अनिल को कई बार गिरफ्तार किया गया था। आखिरी बार उसे साल 2015 में अरेस्ट किया गया और वह पांच साल तक जेल में रहा। अनिल को साल 2020 में रिहा किया गया था और उसके खिलाफ अलग-अलग मामलों में करीब 180 मामले दर्ज हैं।