Chandra Shekhar Azad Attack Accused: यूपी पुलिस ने रविवार को कहा कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद की गोली मारकर हत्या करने की कोशिश के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों ने जांचकर्ताओं के सामने हमले की वजह का खुलासा किया है। आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने दलित नेता पर इसलिए हमला किया क्योंकि वे भीम आर्मी की “उनके समुदाय के खिलाफ गतिविधियों” और सोशल मीडिया पर उनके बयानों से नाराज थे।

कौन हैं आजाद पर जानलेवा हमले के चारों आरोपी

दलित नेता आजाद पर जानलेवा हमले के मामले में शनिवार को पकड़े गए चारों लोग ऊंची जाति के राजपूत समुदाय से हैं और उनकी उम्र 20 साल के आसपास है। पुलिस ने कहा कि उनमें से तीन का आपराधिक रिकॉर्ड है जिसमें हत्या का प्रयास, हमला और धमकी के आरोप शामिल हैं। वे फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं। ये तीन लोग उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रणखंडी के रहने वाले हैं। विकास उर्फ ​​विक्की, प्रशांत और लविश उर्फ ​​अभिषेक। चौथा आरोपी हरियाणा के करनाल जिले का एक टैक्सी ड्राइवर है। उसका नाम भी विकास है।

देवबंद में 28 जून को आज़ाद की एसयूवी पर गोलीबारी

हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स और उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों ने शनिवार सुबह हरियाणा के अंबाला जिले के शहजादपुर इलाके में एक ढाबे के पास एक संयुक्त अभियान में चारों आरोपियों को पकड़ा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “विकास (करनाल) के चचेरे भाई की शादी रणखंडी गांव में हुई है। इसलिए वह रणखंडी जाता था और इन युवाओं के संपर्क में आया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के देवबंद में 28 जून को आज़ाद की एसयूवी पर कथित तौर पर तीन गोलियां चलाईं। आज़ाद को गोली लगी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

भीम आर्मी और आजाद की समुदाय के खिलाफ हरकतों से परेशान थे हमलावर

हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “हरियाणा में पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के दौरान आरोपियों ने कहा कि वे पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने सामुदायिक कार्यक्रमों के खिलाफ भीम आर्मी की गतिविधियों के कारण परेशान थे। इनमें से एक यूपी के मलिकपुर में महाराणा प्रताप भवन पर कथित हमला था, जबकि दूसरा यूपी के साबिरपुर में राजपूतों की एक रैली पर कथित हमला था। आरोपियों ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर आज़ाद के बयानों से भी परेशान थे।

हमले में इस्तेमाल दो देशी पिस्तौल, कारतूस और एक कार जब्त

हरियाणा के इस पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपियों से अंतिम पूछताछ और मामले की जांच यूपी पुलिस करेगी क्योंकि आजाद पर हमला उनके अधिकार क्षेत्र में हुआ था। पुलिस ने कहा कि उन्होंने आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अपराध में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई दो देशी पिस्तौल, कारतूस और एक कार जब्त कर ली है। उन पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, धमकी और एससी/एसटी अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

किसी भी आरोपी ने इंटरमीडिएट से ऊपर पढ़ाई नहीं की है

एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “किसी भी आरोपी ने इंटरमीडिएट से ऊपर पढ़ाई नहीं की है और पहले वे सभी छोटी-मोटी नौकरी करने वाले रहे हैं। रणखंडी गांव के प्रधान प्रमोद राणा ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए लोग गांव में उपद्रव मचाने और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं। आइए, चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला के चारों आरोपियों के खिलाफ पिछले मामलों पर एक नजर डालते हैं।

लवीश सिंह उर्फ ​​अभिषेक

इसके खिलाफ तीन मामले हैं, जिनमें हत्या के प्रयास का आरोप भी शामिल है। सभी मामले पिछले दो वर्षों में सहारनपुर के देवबंद पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। अन्य आरोप आपराधिक धमकी और शस्त्र अधिनियम से संबंधित हैं। ग्राम प्रधान राणा ने कहा कि लविश बेरोजगार था और छोटे-मोटे काम करता था। उनके पिता वीरेंद्र सिंह ट्रक ड्राइवर हैं। प्रधान ने दावा किया, ”लविश के चाचा के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।”

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विकास उर्फ ​​विक्की

विकास के खिलाफ तीन पुराने मामलों में से दो हत्या के प्रयास से संबंधित हैं। उस पर इस साल एक बार और 2021 में एक बार हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। सहारनपुर पुलिस ने भी विकास के पास से कथित रूप से लूटी गई चीजें जब्त करने के बाद 2021 में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। रणखंडी प्रधान ने कहा कि विकास अपनी मां और छोटे भाई के साथ गांव में रहता था। प्रधान ने कहा, “विकास की माँ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं और परिवार चलाती हैं। विकास ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है और बेरोजगार है।”

प्रशांत

प्रशांत पर साल 2019 में एक व्यक्ति पर कथित रूप से हमला करने और धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था। 2019 का मामला सहारनपुर के देवबंद पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। प्रधान राणा ने कहा कि प्रशांत अपने माता-पिता के साथ गांव में रहता है, जो किसान हैं।

विकास उर्फ ​​विक्की (करनाल)

विकास एक रिश्तेदार से मिलने के लिए रणखंडी गांव जाता था, तभी उसकी बाकी तीनों से मुलाकात होती थी। पुलिस ने कहा कि आज़ाद मामले को छोड़कर, विकास पर कोई अन्य पिछला आरोप नहीं है। पुलिस ने बताया कि विकास अपनी कार से सहारनपुर आता था, जिसका इस्तेमाल वह टैक्सी के तौर पर करता था। चारों आरोपी इसी कार में घूमते थे। राणा ने कहा कि विकास एक अन्य आरोपी प्रशांत का दूर का रिश्तेदार भी है।