Assam government officials arrested: असम में पिछले एक हफ्ते में करीब पांच सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारियां हुई हैं। इन कर्मचारियों को असम की विजिलेंस टीम के अधिकारियों द्वारा सरकारी कार्यालयों के अंदर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। आंकड़ों के मुताबिक, असम में घूसखोरी के मामले बढ़े हैं।

असम में 6 गुना बढ़े करप्शन के मामले

असम में पुलिस, विजिलेंस टीम और एंटी करप्शन डायरेक्टरेट ने सरकारी कार्यालयों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस कड़ी में अब तक प्रदेश में पिछले 15 महीनों में 44 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार के मामलों में विजिलेंस और एंटी करप्शन डायरेक्टरेट ने जो भी चार्जशीट जमा की है, उनमें छह गुना की वृद्धि हुई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, असम में साल 2018 में इस तरह के केवल छह मामलों में चार्जशीट दायर की गई थी लेकिन इस साल 20 अगस्त तक 36 मामलों में विजिलेंस और और एंटी करप्शन डायरेक्टरेट चार्जशीट दायर कर चुकी है। सरकारी डेटा के मुताबिक, साल 2017 में असम में केवल नौ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल 20 अगस्त तक भ्रष्टाचार के 23 मामले दर्ज किए गए हैं।

घूस लेते पकड़े जाने पर भाग निकला था वन अधिकारी

असम में इस महीने की शुरुआत में, विजिलेंस टीम द्वारा की गई गिरफ्तारी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें 3 अगस्त को असम में एक वन अधिकारी को कथित तौर पर विजिलेंस के अधिकारियों ने 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। इस दौरान वन अधिकारी घूस के पैसे लेकर भाग निकला था। हालांकि, असम पुलिस ने बाद में करीब एक किलोमीटर दूर दौड़ाकर इस वन अधिकारी को दबोच लिया था।

सरकारी दफ्तरों के लिए खास अभियान

पुलिस ने इस मामले में बताया कि कछार वन प्रभाग के तहत जिरीघाट में तैनात देवव्रत गोगोई नामक रेंज अधिकारी को सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया था।