असम के दरांग जिले में एक मुस्लिम युवक पर हिंदू महिला को अगवा करने का आरोप था। पुलिस जब युवक को नहीं तलाश पाई तो उन्होंने आरोपी की तीनों बहनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस चौकी में तीनों युवतियों पर अत्याचार की इंतहा कर दी गई। आरोप है कि तीनों के कपड़े फाड़कर उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया। साथ ही, लात-घूंसों व लाठियों से भी पीटा गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने चौकी इंचार्ज व महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया। साथ ही, मामले की जांच शुरू कर दी है।
डीजीपी ने कही यह बात: असम के डीजीपी कुलाधर सैकिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में चौकी इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर महेंद्र शर्मा और महिला कॉन्स्टेबल बिनीता बोरो को मंगलवार (17 सितंबर) को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही, उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है, जिसकी रिपोर्ट 7 दिन में देने का आदेश जारी किया गया है।
शिकायत के एक दिन बाद दर्ज हुआ केस: इस मामले में एक पीड़िता ने 10 सितंबर को पुलिस की करतूत का खुलासा किया। उसने बताया कि शर्मा और बोरो ने हमारे कपड़े फाड़ दिए। हमारे साथ मारपीट की और प्राइवेट पार्ट्स भी छुए। इसके एक दिन बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।
9 सितंबर को हिरासत में ली गई थीं तीनों बहनें: जानकारी के मुताबिक, एसआई शर्मा ने 9 सितंबर को रात करीब 1:30 बजे छापेमारी करके तीनों बहनों को हिरासत में लिया था। इनकी उम्र 28, 30 और 18 साल है। पुलिस का दावा है कि तीनों बहनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उनके भाई के खिलाफ हिंदू महिला को अगवा करने का केस दर्ज है।
भाई से संपर्क होने तक चलता रहा अत्याचार: शिकायत दर्ज कराने वाली 28 वर्षीय युवती ने बताया कि उनके साथ होने वाला अत्याचार तब तक जारी रहा, जब तक पुलिसकर्मियों को हमारे भाई का पता नहीं चल गया। उसने बताया कि वह हिंदू महिला के साथ शिलॉन्ग में है। पीड़िता के मुताबिक, ‘‘मेरा भाई सुबह 6:30 बजे उस महिला के साथ चौकी में आ गया। भाई ने पूछा कि केस उसके खिलाफ दर्ज है तो बहनों को टॉर्चर क्यों किया जा रहा है। इसके बाद उसे भी पीटा गया। हमें लगता है कि मेरा भाई और वह महिला एक-दूसरे से मुहब्बत करते हैं। मेरा भाई शादीशुदा है, लेकिन उसकी पत्नी साथ नहीं रहती है।’’
6 सितंबर को दर्ज हुआ था किडनैपिंग का केस: दरांग के एसपी अमृत भूयान ने बताया, ‘‘हिंदू महिला के परिजनों ने 6 सितंबर को किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ वहीं, 28 वर्षीय मुस्लिम युवती ने बताया कि उसका भाई व हिंदू महिला का अफेयर करीब 2 साल से चल रहा है। वहीं, दूसरी बहन ने कहा कि परिवार के पास उनके रिश्ते के सबूत हैं। यह किडनैपिंग का मामला नहीं है। वहीं, दरांग जिले के पुलिस अफसर का कहना है कि लौटने के बाद हिंदू महिला ने बताया कि उसे जबरन ले जाया गया था।
गनपॉइंट पर चौकी ले गई थी पुलिस: मुस्लिम युवती ने बताया, ‘‘जब हमारा भाई जेल में था, तब पुलिस चौकी में शर्मा और बोरो ने हमारे कपड़े फाड़ डाले और मारपीट की।’’ पीड़ित युवतियों ने अपने शरीर पर लगी चोटों के फोटोग्राफ्स भी दिखाए। 28 वर्षीय पीड़िता ने अपने गाल पर पड़े लाल निशान को दिखाते हुए बताया कि यह पुलिस के थप्पड़ मारने से हुआ। उसने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘जब हमने शर्मा से पूछा कि वह हमें क्यों ले जा रहा है? तो उसने पिस्टल दिखाते हुए कहा कि ज्यादा मत बोल। चौकी में मेरे पति को बंद करके रखा गया था। मेरी बहन के कपड़े फटे हुए थे और उसे लाठी से पीटा गया था।’’
पीड़िता ने मांगा इंसाफ: पीड़िता के मुताबिक, मेरी बहन के बाएं पैर में दिक्कत है, लेकिन वे उसके उसी पैर पर लाठी मारते रहे। मेरी बड़ी बहन के साथ भी मारपीट की गई। हमने पुलिसवालों को बताया कि वह प्रेग्नेंट है तो उन्होंने कहा कि नाटक मत करो। उन दोनों को पीटने के बाद उन्होंने मुझ पर हमला बोला और मारपीट की। हमें न्याय चाहिए। शर्मा और बिनीता समेत चौकी में मौजूद अन्य 4-5 पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ जो किया, उन्हें उसकी सजा मिलनी चाहिए।