West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल एसएससी स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में रोज नई जानकारी सामने आ रही है। इसी कड़ी में पता चला है कि अर्पिता मुखर्जी की एक फर्जी कंपनी का डायरेक्टर तो खुद अर्पिता मुखर्जी का चपरासी निकला, जिसकी पहचान देबाशीष देबनाथ के रूप में हुई है। जांच एजेंसी के रडार पर आई जिन चार कंपनियों के वित्तीय डिटेल्स की जांच की जा रही है।
ED जांच रही 4 Shell कंपनी की बैलेंस शीट
ईडी के अधिकारी कम से कम चार ऐसी कंपनियों की बैलेंस शीट की जांच कर रहे हैं, जिनका संबंध अर्पिता मुखर्जी के साथ है। इसके अलावा, एजेंसी ने कंपनी के कुछ निदेशकों को भी तलब करने का फैसला किया है, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या वह इतनी बड़ी रकम को खपाने के लिए खोली गई कंपनियों में काम कर रहे थे। इन कंपनियों के नाम जमीरा सनशाइन्स लिमिटेड, एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड हैं।
अर्पिता का चपरासी एक कंपनी में डायरेक्टर
ईडी के अधिकारियों ने चार कंपनियों के बारे में कहा कि जमीरा सबसे नई कंपनी है, जिसे 20 मार्च 2017 में इन-कॉर्पोरेट किया गया था। बेलघरिया में मुखर्जी के फ्लैटों में से एक कंपनी का पंजीकृत पता है, जिसमें दिखाया गया है कि कंपनी “रियल एस्टेट” के क्षेत्र में काम करती है। ईडी की जांच टीमों के अधिकारी अब कंपनी के निदेशकों के बारे में पता कर रहे हैं, जिनमें सामने आया कि जमीरा के चार निदेशकों में एक देबाशीष देबनाथ भी हैं। जो कि एक चपरासी के रूप में काम करता था।
अर्पिता का ड्राइवर भी कंपनी निदेशक
इसी तरह, कल्याण धर जिसका नाम तीन अन्य कंपनियों के निदेशकों में से एक है, वह अर्पिता मुखर्जी का बहनोई हैं। कल्याण धर पेशे से ड्राइवर था जो अर्पिता मुखर्जी के टिशू पेपर बॉक्स और कॉस्मेटिक्स को उनके नेल-आर्ट सैलून में लाने-ले जाने का काम करता था। इसके लिए उसे 18,900 रुपए का मासिक वेतन मिलता था।
पैसों के लेन-देन जांच रही ED
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हम इन कंपनियों के निदेशकों और पार्थ चटर्जी की सटीक भूमिका की जांच कर रहे हैं, जिनका मुखर्जी से संबंध है। साथ ही कोशिश यह भी पता लगाने की रहेगी कि कंपनी से जुड़े लोगों को कितना और किस माध्यम में पैसा दिया जाता था। ईडी के मुताबिक, वह रियल एस्टेट व्यवसाय में शामिल कंपनी के निदेशकों से यह भी जानना चाहेंगे कि क्या उन्होंने कभी कोई परियोजना शुरू या पूरी की है।