नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के आरोप में गिरफ्तार छात्र शरजील उस्मानी ने कहा है कि जेल में उन्हें आतंकवादी कहा जाता था। 23 साल के शरजील उस्मानी को 8 जुलाई, 2020 को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। बुधवार यानी 2 सितंबर को शरजील उस्मानी को अलीगढ़ सेशन कोर्ट से बेल मिल गई थी। शरजील उस्मानी पर सद्भावना बिगाड़ने, कानून के खिलाफ काम करने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

शरजील उस्मानी ने ‘The Quint’ से बातचीत करते हुए जेल में रहने के दौरान उनके साथ क्या कुछ हुआ यह भी बताया। शरजील ने बताया कि एटीएस वेश बदलकर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। ‘एटीएस की टीम ने सब्जीवाले का रूप बनाया था। अचानक टीम के सदस्यों ने पिस्टल निकाल लिया और मुझे चारों तरफ से घेर लिया गया।’ उन्होंने बताया कि उनकी आंखों पर पट्टी बांध दिया गया था और टीम ने उनके आजमगढ़ स्थित घर पर छापा मार कर उनके निजी सामान मसलन – मोबाइल फोन तथा लैपटॉप ले लिए थे। शरजील के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद उन्हें बताया गया था कि उनके परिवार को सूचित कर दिया गया है लेकिन 24 घंटे तक उनके परिजनों को सूचित नहीं किया गया था।

शरजील का दावा है कि गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पुलिस ने नहीं बल्कि एटीएस ने उनसे पूछताछ की थी और उनसे कश्मीर के बारे में सवाल पूछा जा रहा था। शरजील ने साक्षात्कार में कहा कि ‘उनलोगों ने कश्मीर में मेरे दोस्तों के बारे में मुझसे पूछा…उन्होंने मुझसे नेपाल के मदरसा से पकड़े गए एक युवक के बारे में भी पूछा था। उनलोगों ने मुझसे सिर्फ एक बार एएमयू के बारे में पूछा था।’

जेल में गुजारे समय के बारे में बातचीत करते हुए शरजील ने कहा कि ‘जेल में आपको कलम और कागज तक नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इंसानों की जिंदगी की जेल में कोई कदर नहीं है। जेल के कमरे काफी छोटे हैं और 40 लोगों के रहने वाले एक कमरे में 145 कैदियों को रखा जाता है।’ उनका दावा है कि उन्हें अपने परिवार वालों से भी मिलने नहीं दिया जाता था।’ शरजील ने कहा कि ‘आतंकवादी बोला जाता था। ये आतंकवादी है शाहीनबाग वाला आतंकवादी है। मेरे ऊपर जो केस चले थे लेकिन उसके बारे में कुछ भी नहीं पूछा गया था। उन्होंने कहा कि मेरी हिम्मत में कोई कमी नहीं आएगी।’