उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की बात सामने आ रही है। मामला कोतवाली थाना अंतर्गत चंद्रलोक चौराहे के पास की है। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर ने अपने घर में फांसी लगाई थी। घटना के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। बता दें कि प्राध्यापक संजीव भदौरिया ने इस घटना से पूर्व लिखे सुसाइड नोट में इस कदम के लिए खुद को जिम्मेदार बताया।
बीमारी से परेशान होकर की आत्महत्याः कोतवाली निरीक्षक बच्चे लाल ने बताया कि भदौरिया इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रक्षा एवं रणनीतिक विभाग में प्रोफेसर थे। वह 58 वर्ष के थे। बता दें कि पिछले कई महीने से बीमारी से ग्रस्त थे। यह घटना बुधवार (02 अक्टूबर) की है। पुलिस ने बताया कि बीमारी से परेशान होकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पत्नी से बहाना कर की आत्महत्याः मामले में लाल ने बताया कि बुधवार की सुबह प्रोफेसर भदौरिया अपनी पत्नी से बहाना कर कमरे से बाहर निकले। वह यह कहकर बाहर निकले कि वह दवा खरीदने और खून की जांच कराने जा रहे हैं। लेकिन जब उनकी पत्नी ने देखा कि दो घंटे बीतने के बाद भी उनके पति वापस नहीं आए तो वह उन्हें खोजने के लिए मकान की दूसरी मंजिल पर चली गईं। वहां उसने उन्हें फांसी पर लटकते देखा और आवाज देकर लोगों को जमा किया।
पुलिस ने पोस्टमार्टम कर लाश को परिवार वालों को सौंप दियाः निरीक्षक बच्चे लाल ने बताया कि प्रोफेसर की पत्नी नीता ने अपने पति को पंखे से लटकते पाया। इसके बाद उसने तुरंत पड़ोसियों को बुलाया जिन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। बच्चे लाल ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम देर रात ही करा लिया गया। बता दें कि लाश के पास से मिली सुसाइड नोट और पड़ोसियों की गवाही पर पुलिस जांच कर रही है।

