भारत समेत दुनिया के कई देश इस वक्त कोरोना जैसी ग्लोबल महामारी से संघर्ष कर रहे हैं तो इस नाजुक घड़ी में भी सरहद पर आतंकियों की नापाक हरकत जारी है। जम्मू-कश्मीर में हमारी सेना दोहरे मोर्चे पर लड़ रही है। इंडियन आर्मी ने रविवार (5 अप्रैल, 2020) को बताया कि 24 घंटे के अंदर-अंदर अलग-अलग एनकाउंटर में नौ आतंकियों को अब तक ढेर किया जा चुका है। इनमें से 4 आतंकियों को शनिवार को मार गिराया गया था जबकि लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पार करने की कोशिश कर रहे पांच आतंकियों को रविवार को मार गिराया गया है।

इस कार्रवाई में सुरक्षा बल के एक जवान शहीद भी हो गए। रविवार को हुए आतंक नाशक ऑपरेशन में 2 जवान घायल भी हो गए। सेना ने यहां आतंकियों के खिलाफ अपने ऑपरेशन को अभी जारी रखा है।

बताया जा रहा है कि शनिवार को जिन चार आतंकियों का खात्मा सेना ने किया है वो चारों आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य थे जिन्हें कुलगाम जिले में मारा गया है। हाल ही में साउथ कश्मीर में आम लोगों की हत्या में यह सभी आतंकी शामिल थे।

जो चार आतंकि शनिवार को मारे गये हैं उनमें कुलगाम का रहने वाला सादिक मलिक, अनंतनाग जिले का रहने वाला मोहम्द अशरफ मलिक और वकार फारूक शामिल हैं। इधर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले बताया गया है कि यहां सेना ने जनता से अपील की है कि वो किसी भी अनजान शख्स को अपने घर में पनाह ना दें क्योंकि यह कोरोना वायरस फैलाने की खतरनाक साजिश हो सकती है।

कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के चार आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सेना की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल ए सेन गुप्ता ने कहा कि ‘आतंकियों का मकसद कश्मीर में तबाही, अफरातफरी फैलाना है। इससे ज्यादा कुछ नहीं है। इसके लिए वह कुछ भी कर सकते हैं।

कोरोना का संक्रमण आतंकियों व उनके आकाओं के लिए कश्मीर में नया हथियार बन सकता है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी होगी। आतंकी एक जगह टिक कर नहीं बैठते। वह अपने ठिकानों को लगातार बदलते रहते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान वह बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं। इसलिए घाटी में सक्रिय आतंकियों में से कई आतंकियों के कोरोना के संक्रमण होने की आशंका को नहीं नकारा जा सकता।’

सेना ने यहां जनता से अपील की है कि वो ‘आतंकियों को देखते ही तुरंत निकटवर्ती सुरक्षा चौकी को सूचित करें। अगर आतंकी उनके घर में दाखिल होकर खाना मांगते हैं या पनाह मांगते हैं तो वह इन्कार करें और उसके साथ ही सुरक्षाबलों को सूचित कर दें।’