फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ियों में हत्या करके नीरज नाम के युवक की डेडबॉडी फेंकने के मामले में पुलिस ने अहम खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने पहचान छिपाने के लिए नीरज की लाश को 2 बार जलाया था। हालांकि, पुलिस ने कंकाल के पास मिली अंगूठी से युवक की शिनाख्त कर ली थी।

आरोपियों ने किया यह खुलासा: आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे 26 जून की रात नीरज की हत्या करना चाहते थे। हालांकि, वे कामयाब नहीं हो सके। ऐसे में उन्होंने 27 जून को नीरज उर्फ सूरज को बुलाया और रात के वक्त अरावली की पहाड़ियों पर ले गए। वहां पहले पत्थरों से उसे कुचला, फिर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। उस दौरान आग ज्यादा भड़क गई। रात का वक्त होने के चलते दोनों को किसी के आने का डर लगा तो उन्होंने आग बुझा दी और भाग गए। 28 जून की सुबह दोनों अरावली की पहाड़ियों पर पहुंचे। दोबारा शव को आग लगा दी।

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अंगूठी से हुई थी शिनाख्त: पुलिस ने मौके से नीरज का कंकाल और एक अंगूठी बरामद की थी, जिससे परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। हालांकि कंकाल से परिजनों का डीएनए मैच कराएगी, जिससे पुष्टि हो सके कि मृतक नीरज उर्फ सूरज ही था। इस मामले में साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि आरोपियों के नाम अमित और ईशांत हैं। अमित मूलरूप से नीमराणा राजस्थान का रहने वाला है, जबकि ईशांत मदनगीर का रहने वाला है। फिलहाल हत्या की सही वजह का पता नहीं लगा है। पुलिस का अनुमान है कि लेन-देन के चलते वारदात को अंजाम दिया गया है।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप : इस मामले में नीरज के परिजनों ने साकेत पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नीरज के लापता होने में अंकित के शामिल होने का शक जता दिया था तो उसे हिरासत में लेने के बाद छोड़ क्यों दिया गया? मुमकिन है कि समय से काम लिया जाता तो उनका बेटा जिंदा होता।

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ऐसे अंजाम दी थी वारदात: अमित और ईशांत ने 26 जून की रात नीरज को देवली में रखा था, लेकिन उस रात में घर जाने दिया था। अगले दिन उन्होंने नीरज को बहला-फुसलाकर दोबारा बुलाया। रात करीब 9 बजे तीनों युवक मानेसर की ओर अरावली की पहाड़ियों पर गए थे। वहां उन्होंने पार्टी की। हालांकि, इस दौरान नीरज को ज्यादा शराब पिलाई गई। लगभग बेहोशी की हालत में उसे पहले पहाड़ी से धक्का दिया। फिर पत्थर से कुचलने के बाद जला दिया।