Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की पुलिस ने 700 लड़कियों के साथ छोखाधड़ी करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोपी जिसकी पहचान 23 वर्षीय तुषार सिंह बिष्ट के रूप में हुई है, उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक प्राइवेट कंपनी में रिक्रूटर के तौर पर काम करता है।
पुलिस की मानें तो दिन में वो एक सिक्योर जॉब करता था। वहीं, रात में वो अपनी लालच और हवस को पूरा करने के लिए लड़कियों को डेटिंग ऐप्स पर एक यूएस बेस्ट मॉडल के नाम पर धोखाधड़ी करता था।
शख्स ने 700 से ज़्यादा युवतियों को अपना शिकार बनाया
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार डेटिंग प्लेटफॉर्म पर मॉडल बनकर शख्स ने 700 से ज़्यादा युवतियों को अपना शिकार बनाया। पुलिस ने शुक्रवार को उसे पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके से गिरफ़्तार किया है। दिल्ली के रहने वाले तुषार के पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) में ग्रेजुएशन की डिग्री है। पिछले तीन सालों से वो नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में टेक्निकल रिक्रूटर के तौर पर काम कर रहा था।
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उसके पिता ड्राइवर का काम करते हैं, उसकी मां हाउस वाइफ है और उसकी बहन गुरुग्राम में काम करती है। तुषार, एक स्टेबल जॉब के बावजूद, लालच और हवस से प्रेरित होकर साइबर अपराध की दुनिया में घुस गया।
कैसे पूरी छोखाधड़ी को दिया अंजाम?
एक ऐप के ज़रिए हासिल किए गए वर्चुअल इंटरनेशनल मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके, तुषार ने बम्बल (Bumble) और स्नैपचैट (Snapchat) जैसे डेटिंग और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर फेक प्रोफ़ाइल बनाई। उसने खुद को भारत आने वाले एक यूएस बेस्ड फ्रीलांस मॉडल के रूप में पेश किया।
इस बात को सत्यता प्रदान करने के लिए उसने एक रियल ब्राज़ीलियान मॉडल के चुराए गए फ़ोटो और स्टोरी का इस्तेमाल किया। उसके निशाने पर मुख्य रूप से 18-30 साल की आयु की यवतियां थीं, जिनसे उसने इन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए दोस्ती की।
आरोपी युवतियों को देता था धमकी
एक बार जब वो उनका भरोसा जीत लेता, तो तुषार दोस्ती की आड़ में उनसे फ़ोन नंबर और इंटिमेट फ़ोटो या वीडियो मांगता। अपने पीड़ितों की जानकारी के बिना, वो अपने फ़ोन में फोटो-वीडियो सेव कर लेता था।
पुलिस ने कहा कि शुरू में, ये गतिविधियां पर्सनल एंटरटेनमेंट के लिए की जाती थीं, लेकिन समय के साथ, वे जबरन वसूली की एक व्यवस्थित योजना में बदल गईं।
कैसे सामने आया पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, तुषार इन वीडियो का इस्तेमाल युवतियों को पैसे देने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए करता था। अगर कोई पीड़ित पैसे की उसकी मांगों को अस्वीकार कर देती, तो वो उनकी अश्लील कंटेंट को ऑनलाइन अपलोड करने या डार्क वेब पर बेचने की धमकी देता था।
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पुलिस जांच के अनुसार, तुषार ने बम्बल पर 500 से अधिक युवतियों और स्नैपचैट और व्हाट्सएप पर 200 से अधिक युवतियों के साथ ‘दोस्ति’ की। ऐसा करके उसने इंटिमेंट कंटेंट का एक बड़ा कलेक्शन इकट्ठा किया, जिसका इस्तेमाल वो अपने शिकार को ब्लैकमेल करने के लिए करता था। ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेकेंड ईयर की छात्रा ने 13 दिसंबर, 2024 को साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
मजबूर होकर छात्रा ने दर्ज कराई शिकायत
शिकायत के मुताबिक वो साल 2024 के जनवरी में आरोपी के संपर्क में आई थी। वो बम्बल पर तुषार से जुड़ी। उसने खुद को यूएस-आधारित मॉडल के रूप में पेश किया और दोस्ती की शुरुआत की जो बाद में व्हाट्सएप और स्नैपचैट पर प्राइवेट चैट में बदल गई।
उनके चैटिंग के दौरान, पीड़िता ने उसके साथ प्राइवेट फोटो और वीडियो शेयर किया। जब उसने आरोपी से इन-पर्सन रूप से मिलने का अनुरोध किया, तो वो लगातार विभिन्न बहानों के तहत उससे बचता रहा। इसके तुरंत बाद, उसने उसे अपना एक प्राइवेट वीडियो भेजा और पैसे की मांग की, अगर उसने ऐसा नहीं किया तो कंटेंट को लीक या बेच देने की धमकी दी गई।
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शुरुआत में, छात्रा ने दबाव में आकर एक छोटी राशि का भुगतान किया और एक छात्रा के रूप में अपनी वित्तीय बाधाओं के बारे में बताया। हालांकि, तुषार की लगातार मांगों ने उसे अपने परिवार को बताने और औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने आरोपी के पास से क्या कुछ बरामद किया?
शिकायत दर्ज होने के बाद पश्चिमी दिल्ली के साइबर पुलिस स्टेशन ने एसीपी अरविंद यादव की देखरेख में एक टीम बनाई गई। तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी जुटाने के संयोजन ने टीम को तुषार की गतिविधियों का पता लगाने और उसे आरोपी के रूप में पहचानने में मदद की। शकरपुर में त्वरित छापेमारी ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
ऑपरेशन के दौरान, पुलिस ने एक मोबाइल फोन बरामद किया जिसमें आपत्तिजनक डेटा, उसकी आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा एक वर्चुअल इंटरनेशनल मोबाइल नंबर और विभिन्न बैंकों के 13 क्रेडिट कार्ड थे।
पुलिस ने दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों की महिलाओं के साथ 60 से अधिक व्हाट्सएप चैट रिकॉर्ड भी बरामद किए। प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चला कि शिकायतकर्ता के अलावा, कम से कम चार अन्य महिलाओं से भी तुषार ने इसी तरह से जबरन पैसे वसूले थे।
जांच में तुषार से जुड़े दो बैंक खाते मिले। एक खाते में उसके पीड़ितों द्वारा किए गए भुगतान की हिस्ट्री थीं, जबकि दूसरे खाते का विवरण अभी भी जांच के अधीन है।
गौरतलब है कि देश में बीते कुछ सालों में साइबर फ्रॉड की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। तकनीकी विकास के साथ ही इन घटनाओं ने भी समाज में अपने पैर जमा लिए हैं। आएदिन इस तरह की घटनाएं सामने आती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। इन अपराधों का वर्गीकरण विभिन्न वर्गों में किया गया है। इस अपराध में संलिप्त आरोपियों को कम से कम जुर्माना और अधिक से अधिक उम्र कैद की सजा या दोनों हो सकती है।