तालिबान अब अपने नेताओं को जिम्मेदारी सौंपने लगा है। पिछले 10 दिनों से तालिबान अफगानिस्तान पर काबिज है और अब उसने धीरे-धीरे अपने मंत्रियों को नियुक्त करने लगा है। साथ ही नए अफगानिस्तान की तस्वीर भी साफ होने लगी है। तालिबान ने साफ कर दिया है कि देश में संगीत बैन रहेगा।
अलजजीरा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि तालिबान ने मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर को देश का नया ‘रक्षा मंत्री’ नियुक्त किया है। कय्यूम जाकिर हाई-प्रोफाइल अपराधियों के लिए मशहूर अमेरिकी जेल, ग्वांतानामो बे में कई साल तक कैद रह चुका है। तालिबान के अनुभवी कमांडरों में से एक कय्यूम जाकिर तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के करीबी सहयोगी रह चुका है। 2001 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था तब जाकिर को अमेरिकी सेना ने हिरासत में लिया था।
कय्यूम जाकिर को पकड़ने के बाद अमेरिका ने उसे ग्वांतानामो जेल में बंद कर दिया था। जहां 2007 में अमेरिका ने कय्यूम जाकिर को अफगानिस्तान सरकार को वापस सौंप दिया। हालांकि तालिबान ने अभी तक अफगानिस्तान में अपने शासन की औपचारिक सरकार की घोषणा नहीं की है, लेकिन अब कुछ बड़े तालिबानी नेताओं को महत्वपूर्ण विभाग दिए जा रहे हैं।
एक तरफ तालिबान सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वो अफगान नागरिकों के लिए नए नियम कानून भी बना रहा है। तालिबान के अफगानिस्तान में अब संगीत बैन होने की तैयारी हो चुकी है। महिलाओं के लिए शरिया कानून के तहत कायदे-कानून बनाए जा रहे हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान महिलाओं को भविष्य में स्कूल और उनकी नौकरी पर लौटने की इजाजत देगा, इसके लिए उन्हें हिजाब पहना पड़ेगा। यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन बिना पुरुष के वो ज्यादा दिन यात्रा नहीं कर सकती हैं।
मुजाहिद ने कहा- “देश में संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस्लाम में संगीत की मनाही है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम लोगों को इस तरह की चीजें न करने के लिए राजी कर सकें, बजाय इसके कि उन पर दबाव बनाया जाए।
जबीहुल्ला ने उन रिपोर्टों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा है कि तालिबान उन लोगों से बदला ले रहा है जिन्होंने उसका विरोध किया था, महिलाओं पर कठोर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की कोशिश की जा रही है, जिसने तालिबान के पहले शासन को बदनाम कर दिया था।
मुजाहिद की ये टिप्पणी उसके एक दिन बाद आई, जब उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि महिलाओं को “जब तक हमारे पास एक नई प्रक्रिया नहीं है’ तब तक अंदर रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम चिंतित हैं कि हमारे बल, जो नए हैं और अभी तक बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित नहीं हुए हैं, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं, हम नहीं चाहते कि हमारी सेनाएं, महिलाओं को नुकसान पहुंचाए या परेशान करें।”
तालिबान भले ही दावा कर रहा हो कि उसका ये शासन पहले के शासन से अलग होगा, महिलाओं को आजादी होगी लेकिन उसके नियम इससे उलट कहानी बयां कर रहे हैं। हर फैसले के पीछे तालिबान अपनी वहीं सोच दिखा रहा है जो पहले के शासन में था।