अमेरिका ने अफगानिस्तान की आर्मी को ट्रेनिंग दी थी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया था, जिसे अब तालिबानियों ने लूट लिया है। तालिबान सोशल मीडिया पर अपने “विशेष बलों” को दिखा रहा है, इसमें तालिबानी नई वर्दी में लूटे गए अमेरिकी उपकरणों से लैस हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये तस्वीरें और वीडियो “बद्री 313” इकाई के लड़ाकों की है। यह तालिबान ने प्रचार के उद्देश्य से ऑनलाइन पोस्ट किए हैं ताकि दुनिया को यह बताया जा सके कि तालिबान के पास पहले की तुलना में बेहतर हथियार और ट्रेन लड़ाके हैं। जानकारी के मुताबिक अमेरिकी फौज ने अफगानी फौज को 6.5 लाख छोटे हथियार दिए थे जिनमें एम-16 और एम-4 असॉल्ट राइफलें भी शामिल हैं।
तस्वीर में एक तालिबानी ने दुनिया भर के विशेष बलों द्वारा पहने जाने वाली वर्दी पहन राखी है। उसने जूठे,बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट पहन रखा है। वह तालिबान सेनानियों की तरह शलवार कमीज, पगड़ी और सैंडल में नहीं है।
“बद्री 313” इकाई के सैनिक ने अपने कंधे पर रूसी-डिज़ाइन की कलाश्निकोव राइफल के बजाय, यूएस में बनी एम4 नाइट-विज़न गॉगल्स राइफल है। जेन्स डिफेंस कंसल्टेंसी के मैट हेनमैन ने एएफपी को बताया कि तालिबान ने ‘बद्री 313’ के लड़ाकों कि तस्वीर एक प्रोपेगेंडा के तहत वायरल की है। वे बताना चाहते हैं कि उनके पास अब अच्छे हथियार और ट्रेंन्ड सैनिक हैं।
उनका मानना है कि अब ये अफगानिस्तान की आर्मी से भी ज्यादा खतरनाक और पहले से ज्यादा ‘खूंखार’ हो गए हैं। आशंका है कि पाकिस्तानी सेना तालिबानी आतंकियों का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकती है। इस पर भारतीय सैन्य अधिकारियों का कहना है कि नब्बे के दशक के अधिकतर वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इन आतंकियों से लड़ने का अनुभव रखते हैं।