उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक ऐसे शख्स की असलियत सामने आई, जिसने फर्जी कागजात लगाकर एक ही फ्लैट पर कई बैंकों से लोन ले लिया था। साथ ही, उसने यह फ्लैट कई लोगों को बेच भी दिया था। मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक बैंक के कर्मचारी फ्लैट की कुर्की करने पहुंचे। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाकर लोन लेने के आरोप में 5 केस दर्ज कर लिए हैं।
विजय नगर थाने के इंस्पेक्टर व मामले के जांच अधिकारी श्यामवीर सिंह ने बताया कि गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित सेक्टर-12 में रहने वाला रमेश चंद गुप्ता प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। उसने लक्ष्मीपति बिल्डकॉन के नाम से फर्म बना रखी है।
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जून 2019 में विमल ढींगरा नाम के एक शख्स ने रमेश के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। विमल का आरोप था कि उसने 2011 में रमेश से प्रताप विहार स्थित लो-राइज बिल्डिंग में एक फ्लैट खरीदा था। इसके लिए विमल ने रमेश को 35 लाख रुपए दिए थे। विमल ने इस फ्लैट को खरीदने के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक से 20 लाख रुपए का लोन लिया था।
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अक्टूबर 2017 के दौरान विमल के फ्लैट पर डीएचएफएल बैंक की टीम पहुंची। बैंक के अफसरों ने बताया कि इस फ्लैट की कुर्की होनी है, क्योंकि सतेंद्र पाल सिंह नाम के एक शख्स ने इस फ्लैट पर 40 लाख का लोन लिया था। जांच के दौरान पता चला कि रमेश ने फर्जी कागजात तैयार करके सतेंद्र को भी यह फ्लैट बेच दिया था। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने रमेश के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
