नोएडा के सेक्टर 151 में एक गगनचुंबी इमारत के परिसर के अंदर गुरुवार को भारत और पड़ोसी देशों के आधे जले हुए कई पासपोर्ट पाए गए। पुलिस ने कहा कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा किसने और क्यों किया।
पुलिस टीम की जांच में क्या मिला
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) अशोक कुमार ने कहा, “1 जून को, जेपी अमन सोसाइटी के निवासियों ने बताया कि एन -22 के निर्माण के पीछे एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कचरे के ढेर में आग लगा दी गई थी। उसे स्थानीय निवासियों, गार्डों और स्थानीय फायर टीम ने बुझाया था। हमने कचरे से जले और अधजले हालत में कुछ दस्तावेज बरामद किए, जिनमें 22 पासपोर्ट (4 भारतीय, 4 बांग्लादेशी, 14 नेपाली), कुछ चेकबुक/पासबुक, सिम कार्ड और किराएदार के सत्यापन (Verification) के दस्तावेज आदि मिले। इस संबंध में जांच जारी है।”
हाई- राइज सोसायटी में कोई विदेशी नहीं रहता
हालांकि, अशोक कुमार ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि ये दस्तावेज किसी विदेशी से नहीं बल्कि एक कंसल्टेंसी फर्म से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, उस हाई- राइज सोसायटी में कोई विदेशी नहीं रहता है। हमें जानकारी मिली कि दिल्ली का एक निवासी एक किराए के फ्लैट में यहां रहता था, लेकिन करीब चार महीने पहले उसने मकान खाली कर दिया। उसने नोएडा के सेक्टर 6 में प्लेसमेंट एजेंसी खोली थी। इसका इंस्टाग्राम पेज कहता है कि यह लोगों को थाईलैंड, मलेशिया आदि में नौकरी खोजने में मदद करता है।
अधिकारी ने आगे कहा कि पुलिस उस व्यक्ति और कंपनी से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। इस बीच, गौतम बुद्ध नगर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर पुलिस जिले में रहने वाले विदेशियों के वीजा और पासपोर्ट की जांच के लिए सत्यापन अभियान चला रही है।
इंटेलिजेंस के साथ मिलकर पुलिस का बड़ा जांच अभियान
सूरजपुर थाना पुलिस और स्थानीय खुफिया इकाई के संयुक्त अभियान के दौरान शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के एलस्टोनिया सोसाइटी में रहने वाले अफ्रीकी देशों के 23 विदेशी नागरिकों (15 पुरुष और 8 महिलाएं) को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह पाया गया कि 23 विदेशी नागरिकों के पास भारत में रहने के लिए वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने यह भी कहा कि वे सरकारी काम के दौरान बाधा उत्पन्न कर सार्वजनिक व्यवस्था को भंग कर रहे थे।
इसी तरह 16 विदेशी नागरिकों (13 पुरुष और 3 महिला) को गुरुवार को बीटा 2 थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया कि वे कासा ग्रैंड सोसाइटी में अवैध रूप से रह रहे थे। उन पर द फॉरेनर्स एक्ट, 1946 की धारा 14 के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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FRRO भेजा जा रहा है विदेशियों का डॉक्यूमेंट्स
इनके अलावा एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार को कासना थाना और एलआईयू की टीम द्वारा संयुक्त चेकिंग अभियान के दौरान ओमिक्रॉन फर्स्ट सोसाइटी में अवैध रूप से रह रही तीन विदेशी महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मेडिकल जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) आरके पुरम, नई दिल्ली भेजा जा रहा है।