कभी मध्यप्रदेश के उज्जैन में डॉन दुर्लभ कश्यप का खौफ हुआ करता था। मात्र 20 साल की उम्र में ही दुर्लभ ने अपनी खुद की गैंग तैयार कर ली थी। एमपी में दुर्लभ कश्यप एकमात्र ऐसा अपराधी था, जो जुर्म के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन निकालता था। उसने खुद की फेसबुक प्रोफाइल के बायो में कुख्यात बदमाश, डॉन लिख रहा था और विज्ञापन के तौर पर लिखा था कि “किसी भी विवाद के निपटारे के लिए संपर्क करें।” दुर्लभ की गैंग का एक खास ड्रेस कोड था, जिसमें हर शख्स माथे पर लाल टीका, आंखों में सूरमा और काला गमछा कंधे पर डालकर रखता था।
सरगना मात्र 17 साल का: ताजा दौर में इंदौर में पुलिस ने दुर्लभ गैंग की तर्ज पर काम करने वाले गैंग को सरगना सहित धर दबोचा है। इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि गैंग का सरगना मात्र 17 साल का है। उसने खुद का नाम डॉन रखा हुआ है। डॉन की गैंग का काम इंदौर शहर में गलियों में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ और स्टंट से अपनी दहशत फैलाना था।
वीडियो के जरिये दबोचे गए: यह गैंग जिस भी इलाके में ऐसे कामों को अंजाम देती उसका वीडियो शूट कर इंस्टाग्राम पर डाल देते थे। यही वीडियो पुलिस के हाथ जा लगे थे, जिसके बाद पूरी गैंग को दबोच लिया गया था। बताया जा रहा है कि गैंग के पकड़े गए सभी छह बदमाश नाबालिग हैं। इस गैंग का सरगना डॉन खुद उज्जैन में गैंगवार में मारे गए कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप से बड़ा प्रभावित है। हालांकि, अब पुलिस ने उस पर शिकंजा कस लिया है।
डॉन के पिता हैं दिहाड़ी मजदूर: डॉन पंचमूर्ति नगर इलाके में रहता है। वह उज्जैन में गैंगवार में मारे गए कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप जैसा बनना चाहता है। सरगना डॉन खुद के नाम का आतंक फैलाना चाहता था, जबकि उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं। डॉन ने अपने पांच साथियों के साथ शहर के कुछ इलाकों में पत्थर मारकर गलियों में खड़े दर्जनों वाहनों के शीशे तोड़ दिये थे। फिर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था।
पकड़े गए बदमाश हैं नाबालिग: एसीपी राजेश भदौरिया ने बताया कि रात में कारों के कांच फोड़ने, दहशत फैलाने के संदर्भ में पुलिस ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद पुलिस ने छह बदमाश पकड़े हैं, यह सभी नाबालिग हैं। फिलहाल नाबालिगों पर अवैध वसूली को लेकर भी प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, शुरुआती दौर में दुर्लभ कश्यप की भी गैंग ने कुछ ऐसे ही अपना खौफ लोगों में बैठाया था।