कहते हैं, शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। अच्छी शिक्षा-दीक्षा से एक सभ्य समाज और देश का विकास संभव होता है और शिक्षकों के ही पठन-पाठन और शिक्षण, ज्ञान से हर क्षेत्र में विद्यार्थियों का भविष्य संवर कर सुरक्षित होता है। मगर विडंबना है कि हमारे ज्ञान के दाता शिक्षक पिछले कुछ सालों से लगातार सम्मान और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने में लगे हुए हैं और उपेक्षित हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में ‘हमारा घर, हमारा विद्यालय’ योजना जैसा अभियान चल रहा है, लेकिन उसमें भी समस्याएं है। कोरोना संक्रमण में घर जाकर पढ़ाने की इस योजना में शिक्षकों ने कुछ समस्याओं पर भी प्रकाश डाला है।
इससे साफ है कि यह अभियान शिक्षकों को उचित नहीं लग रहा। साथ ही शिक्षको की मांग है कि कोरोना संक्रमण में कोई अनहोनी शिक्षक के साथ हो तो उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा मिलना चाहिए। शिक्षकों ने प्रशासन से शिक्षक संरक्षण कानून लागू करने की भी मांग की, ताकि भविष्य में गैर-शैक्षिक कामों में उन्हें नहीं लगाया जाए।
मकसद यही है कि शिक्षकों का आत्मविश्वास, आत्मसम्मान ओर स्वाभिमान बना रहे।शिक्षक की गरिमा और पद प्रतिष्ठा कायम रहे। मेरे विचार में भी यह बिल्कुल सही है। एक ओर तो हम और सरकार विद्यार्थियों के अच्छे रिजल्ट की उम्मीदें करते हैं और दूसरी ओर अन्य कामों में शिक्षकों की डयूटी लगाई जाती है। इस कारण भी परीक्षा परिणामों में गिरावट आती है। कभी वेतन विसंगतियों के, तो कभी अतिथि शिक्षकों के बारह माह नियमितकरण के समाचार, तो कभी कुछ। ऐसा ही चलता रहता है।
हमें शिक्षक से गुणवत्ता आधारित शिक्षा देने की अपेक्षा करनी चाहिए, लेकिन साथ ही समाज में शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए। इनकी मांगों ओर अपेक्षाओं पर चिंतन करना चाहिए। इनके आत्मसम्मान और स्वाभिमान की रक्षा समाज और प्रशासन, दोनों की जवाबदेही है। विद्यार्थियों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों को उनके सुखद भविष्य के लिए प्रशासन को भी सकारात्मक कदम उठाना चाहिए, ताकि उनका मनोबल कायम रह सके।
सरकार को स्कूलों में विगत कई वर्षों से काम कर रहे अतिथि शिक्षकों को नियमित करना चाहिए। पिछले दिनों कोरोना संक्रमण काल में वेतन और पैसे के अभाव में शिक्षकों द्वारा अन्य कार्य करने के समाचार भी सुर्खियों में थे। कोई मजदूरी कर रहा तो कोई सब्जी बेच रहा। शिक्षकों की ऐसी दशा के रहते हम शिक्षा-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
’योगेश जोशी, बड़वाह, मप्र
किसी भी मुद्दे या लेख पर अपनी राय हमें भेजें। हमारा पता है : ए-8, सेक्टर-7, नोएडा 201301, जिला : गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश</strong>
आप चाहें तो अपनी बात ईमेल के जरिए भी हम तक पहुंचा सकते हैं। आइडी है : chaupal.jansatta@expressindia.com