हर समस्या के लिए दूसरों पर दोषारोपण करने से बेहतर है कि हम खुद को सुधारने की कोशिश करें। हम हैं तो समाज है। हम में से ही कोई नेता है, मीडियाकर्मी है, पुलिस है तो हम में से ही कोई चोर भी है। हम हैं तो सरकार है, बल्कि सरकार हम ही हैं। दूसरों को दोष देना काफी आसान है।
तकरीबन साठ साल तक राज करने वाली कांग्रेस की सरकार को भी गरियाने वाले गरिया रहे हैं और एक साल की भाजपा सरकार को भी। मैं पूछता हूं, आपने कौन-सा योगदान दिया समाज को सुधारने में?
बिना टिकट ट्रेन में सफर आप करें और चालान कटाने के बदले पचास का नोट आप थमाएं! और भ्रष्टाचार सरकार कर रही है, महंगाई सरकार बढ़ा रही है!
छोटी-मोटी बातों पर सरकारी बसों से लेकर ट्रेनें फूंकें आप और महंगाई सरकार बढ़ा रही है! खुद बदलो समाज बदलेगा! खुद बदलो देश बदलेगा! हम सुधर जाएंगे तो देश सुधर जाएगा!
अभिषेक दुबे, दादरा एवं नगर हवेली
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