पिछले दिनों बिजली विभाग की हड़ताल के चलते यूपी विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। इसका मुख्य कारण यूपी सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (डिस्कॉम) का निजीकरण करने की खबर है। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों और सरकार के बीच टकराव के कारण जनता को काफी ज्यादा परेशानी हुई। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति रोक दी गई। शहरी क्षेत्रों में बिजली नहीं आने के कारण पानी के लिए हाहाकार मच गया।

नगर निगम द्वारा टैंकरों से पानी की आपूर्ति गई। लोग जेनरेटर चलवा कर पानी की आपूर्ति कर रहे थे। उद्योगों को भी झटका लगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के लिए पानी की ज्यादा समस्या हुई। किसान परेशान रहे।

केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आए दिनों निजीकरण पर ज्यादा जोर दे रही है। इसमें रेलवे, हवाईअड्डे, स्कूल, बिजली विभाग आदि क्षेत्र शामिल हैं। एक तरफ कोरोना महामारी के कारण लोगों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली विभाग का निजीकरण किया जा रहा है।

यह कहां तक तर्कसंगत है? बिजली कर्मी डरे सहमे हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि कहीं हमें नौकरी से न निकाल दिया जाए। उन्हें सरकार पर भरोसा नहीं है। इसी कारण उन्होंने आंदोलन का रुख अख्तियार किया।
’प्रशांत कुमार, बीएचयू, वाराणसी, उप्र