किसी भी लोकतांत्रिक देश में मतदाता की अहम भूमिका होती है। यह भी माना जाता है कि जिस देश में नागरिक अपने मताधिकार को लेकर सजग होते हैं वह उतनी ही प्रगति करता है। भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हर साल 25 जनवरी को हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाते हैं। 2011 में भारत सरकार ने निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस को ही राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। इसे मनाने का प्रमुख उद्देश्य मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह दिवस देश के सभी मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए संकल्प लेने का दिन भी है। मताधिकार को नहीं समझने के कारण ही हमारे देश में मतदान केवल साठ प्रतिशत के आसपास रहता है। यदि मतदाता जागरूक और निर्वाचक सूचियां अद्यतन हों तभी मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। इसके मद्देनजर नागरिकों को मताधिकार के प्रति जागरूक होना चाहिए।

भारत का संविधान हर उस नागरिक को मतदान का अधिकार देता है जिसकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है। यह आयु पूरी करने पर देश के सभी युवक-युवती अपना नाम मतदाता सूची में अनिवार्यत: जुड़वाएं और मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करें। वे मतदाता होने पर गर्व करें और जब भी चुनाव हो अपने मतदान केंद्र पर जाकर मत का प्रयोग करें। देश के मतदाता बिना किसी प्रलोभन के सभी निर्वाचनों में मतदान करेंगे तभी देश में लोकतंत्र मजबूत बनेगा। कई स्थानों पर मतदाताओं के नाम सूचियों से गायब होने व नामों के दोहराव की स्थिति भी सामने आती रही है। लिहाजा यह सुनिश्चित हो कि देश के हर वयस्क नागरिक का नाम उसके निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में रहे ताकि वह वोट डाल पाए।

समाज के हर वर्ग को चुनाव जैसे महापर्व में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी करनी होगी तभी मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा और लोकतंत्र मजबूत होगा। निर्वाचन आयोग के साथ-साथ सामाजिक संस्थाएं भी मतदान के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देशवासियों में जागृति लाने का कार्य करें।
राजेंद्र कुमावत, जयपुर</strong>

गांवों में रोजगार: हमारे देश में गांवों से शहरों की ओर रोजगार के लिए पलायन लगातार जारी है। इससे शहरों की जनसंख्या बढ़ रही है। इस बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य पदार्थ, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं भी जुटा पाना मुश्किल है। गांवों में रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध करा कर पलायन की इस समस्या से बचा जा सकता है। किसी भी देश के विकास के लिए उसके गांवों का विकसित होना जरूरी है।
श्रीनिवास बिश्नोई, नोखा, राजस्थान

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