निर्वाचन आयोग काफी समय से इस प्रयास में लगा हुआ है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग विधानसभा या लोकसभा में न पहुंच सकें। लेकिन आयोग की कोशिश अभी तक सफल नहीं हो पाई। राजनीतिक दल किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना चाहते हैं। इसलिए अगर हम चाहते हैं कि हमारी विधानसभा या लोकसभा में साफ-सुथरी छवि वाले ईमानदार लोग पहुंचें तो हमें ही कोशिश करनी होगी।
हम जिस समाज में पैदा हुए हैं उसका अच्छा या बुरा होना उतना महत्त्वपूर्ण नहीं है। महत्त्वपूर्ण यह है कि हम आने वाली पीढ़ी को कितना बेहतर समाज देकर जा रहे हैं! हमें अपने वोट की ताकत से एक बेहतर समाज बनाने की कोशिश करनी होगी।
एक ऐसा समाज, जिसमें उम्मीदवारों के दामन पर दाग न हों। वे नफरत का जहर न उगलें। वे जब वोट मांगने आएं, तो हम उनकी शराफत, इंसानियत और ईमानदारी का बखान करें। पुलिस फाइल में उनके रिकॉर्ड न तलाशें।
वे जब जीत कर आएं तो हम गर्व से सीना तान कर कह सकें कि हां, हमने इन्हें चुना है। चुनाव आयोग की कोशिशें तभी सफल होंगी, जब मतदाता जागरूक होंगे।
’चरनजीत अरोड़ा, नरेला, दिल्ली</p>