सांकेतिक ही सही, मगर अमेरिकी इतिहास में यह अब गाढ़े अक्षरों में लिख दिया गया कि ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जिन पर दो बार महाभियोग चला। ठीक है कि वे बीस जनवरी के बाद वाइट हाउस से चले जाएंगे, मगर 2024 में कहीं फिर से लौट कर न आ जाएं, इसकी व्यवस्था हो गई।

प्रतिनिधि सभा ने 197 के मुकाबले 232 सांसदों ने इसे समर्थन दिया। बहुत संभव है सिनेट में भी यह तीन-चौथाई मतों से पारित हो जाए, भले ही इसमें समय लगे। सच यह है कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए भी ट्रंप अब बोझ बन गए हैं। सारे सोशल मीडिया ने ट्रंप को बाहर कर दिया है।

सबसे शक्तिशाली पदधारी की इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकती है? ‘अमेरिका फर्स्ट’, ‘अमेरिका ग्रेट’ के नारे की आड़ में उन्होंने पूरे देश का ध्रुवीकरण किया। जिस देश के सैनिक दूसरों देशों में तैनात होकर वहां लोकतंत्र सुनिश्चित करते हैं, उनका अपने देश के लोकतंत्र के मंदिर को दंगाइयों ने तहस-नहस करने की कोशिश की।
’जंग बहादुर सिंह, जमशेदपुर, झारखंड</p>