ऑटो सेक्टर में मंदी के बाद अब बैंकिंग सेक्टर की भी हालात खराब होती नजर आ रही है। गुरुवार सुबह जब शेयर बाजार खुला तो यस बैंक के शेयर पांच फीसदी गिर गए। इससे बैंक का एक शेयर पिछले छह सालों के न्यूनतम स्तर 50.85 रुपए पर पहुंच गया। पिछले दो कारोबारी दिनों में स्टॉक में 9 फीसदी की गिरावट आई हैं और यह 5 सितंबर, 2013 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इस दिन यस बैंक का शेयर 49.50 रुपए के अपने सबसे निचले स्तर पर था। इसी बीच बैंक ने एक बयान जारी कर कहा, ‘नकदी के लिए बैंक ने कई विदेशी और घरेलू निजी इक्विटी और निवेशकों से खूब ब्याज प्राप्त किया है और आवश्यक अनुमोदन के लिए विकास पूंजी को बढ़ाने के लिए मजबूती से बना हुआ है।’

इसी तरह मंगलवार को पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के ग्राहकों को पता चला कि वो आरबीआई के निर्देश के बाद बैंक से एक हजार रुपए अधिक की निकासी नहीं कर सकते। दरअसल देश में अन्य सहकारी बैंक अपने कुल लोन के 38 फीसदी एनपीए से जूझ रहे हैं। आरबीआई के मुताबिक इसमें ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए स्थिति बदतर है, जो एक साथ लिए गए सभी सहकारी बैंकों की कुल संपत्ति के आकार का लगभग दो-तिहाई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (SCARDB) और प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (PCARDB) का एनपीए 25 फीसदी था जो कि 2018 के वित्त वर्ष में क्रमश: 38.3 फीसदी रहा।

उल्लेखनीय है कि ज्यादा एनपीए बैंक के बिजनेस को बिगाड़ता है और आखिर में लोगों के बड़े हिस्सों को खासा प्रभावित करता है क्योंकि सहकारी बैंक एक बड़े तबके को कर्ज देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए मंगलवार को आरबीआई ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक को निर्देश जारी किए, जिसके मुताबिक बैंक के ग्राहक अगले छह महीना तक 1 हजार रुपए से ज्यादा कि निकासी नहीं कर सकेंगे।