Year Ender 2025: टैक्सपेयर्स के लिए साल 2025 काफी बदलावों और चुनौतियों भरा रहा। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म से लेकर टैक्स स्लैब, रिफंड तक, हर स्तर पर टैक्सपेयर्स को नए अनुभवों से गुजरना पड़ा। कई लोगों को समय पर ITR फॉर्म उपलब्ध न होने और तकनीकी खामियों के वजह से रिटर्न भरने में दिक्कतें आईं।

इस वर्ष की सबसे बड़ी पहल नया Income Tax Act, 2025 रहा, जो 60 साल पुराने कानून की जगह लेगा और टैक्स की भाषा को सरल बनाएगा। बजट 2025 में टैक्स स्लैब में बदलाव, सेक्शन 87A की बढ़ी हुई रिबेट ने भी मध्यम वर्ग को राहत दी। यहां जानें इस वर्ष इनकम टैक्स में हुए 7 बड़े बदलाव…

इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म

साल 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म को लेकर भी काफी दिक्कतें देखी गई है। समय पर नए ITR फॉर्म उपलब्ध नहीं हो पाए और तकनीकी समस्याएं भी सामने आईं। खास तौर पर जुलाई 2024 में बदले गए कैपिटल गेन नियमों के वजह से ITR फॉर्म की संरचना में बदलाव हुआ, जिससे कई टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने में परेशानी हुई।

Year Ender 2025: NPS में 100% इक्विटी से लेकर 80% निकासी तक, जानिए निवेशकों के लिए क्या-क्या बदला

Income Tax Act, 2025

साल 2025 की सबसे बड़ी टैक्स सुधार पहल नया Income Tax Act, 2025 है। नया इनकम टैक्स एक्ट लगभग 60 वर्ष पुराने Income Tax Act, 1961 की जगह लेगा। नया इनकम टैक्स एक्ट 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। नए कानून में टैक्स की भाषा को आसान बनाने की कोशिश की गई है। इसमें “Assessment Year” और “Previous Year” जैसे कठिन शब्दों को हटाकर सिर्फ “Tax Year” का इस्तेमाल किया जाएगा।

NPS calculator: हर महीने 1 लाख रुपये पेंशन पाने के लिए कितना करना होगा निवेश? यहां जानें पूरा कैलकुलेशन

टैक्स स्लैब में बदलाव

बजट 2025 में सरकार ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा बदलाव किया है। नए टैक्स सिस्टम को अपनाने वालों को अब ज्यादा राहत मिलेगी। इस सिस्टम के तहत टैक्स-फ्री इनकम की सीमा बढ़ा दी गई है। अब अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इससे मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। इस बदलाव से लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे खर्च और बचत दोनों बढ़ सकेंगी।

सेक्शन 87A टैक्स रिबेट

सरकार ने आम टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स रिबेट की सीमा बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी है। इस बदलाव से नए टैक्स सिस्टम को चुनने वाले लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली यह रिबेट सैलरी से होने वाली आय, बैंक ब्याज, पेंशन और अन्य सामान्य इनकम पर लागू होती है। इसका मतलब है कि तय सीमा तक आय होने पर टैक्स देनदारी शून्य हो सकती है।

हालांकि, यह रिबेट शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड से होने वाले शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लागू नहीं होगी। यानी निवेश से कमाई पर पहले की तरह टैक्स देना होगा।

कैपिटल गेन टैक्स

साल 2025 में कैपिटल गैन टैक्स के नियमों में काफी अहम बदलाव किया गया है। शेयरों पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 15% से बढ़ाकर 20% कर दी गई। वहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में छूट की सीमा तय की गई, जिसमें 1.25 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स-फ्री है और उससे ऊपर की राशि पर 12.5% टैक्स लगता है।

रिफंड में देरी

इस वर्ष सबसे ज्यादा चर्चा इनकम टैक्स रिफंड में हो रही देरी रही हैं। अब तक कई लोगों को वित्त वर्ष 2024–25 के रिटर्न के लिए रिफंड नहीं मिला है। जिन टैक्सपेयर्स का रिफंड ज्यादा या जिनके पास टीडीएस और डिडक्शन में अंतर पाया गया, उनके मामलों में प्रोसेसिंग और धीमी हो गई।

GST 2.0 (जीएसटी 2.0)

इस वर्ष इनकम टैक्स के अलावा, जीएसटी 2.0 भी काफी ज्यादा चर्चा में रहा है। भले ही जीएसटी एक डायरेक्ट टैक्स न रहा हो, लेकिन इससे टैक्स सिस्टम पर बड़ा असर पड़ा। सरकार ने जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स की दरों को आसान बना दिया हैं। जरूरी सामान पर टैक्स में राहत दी गई हैं और कारोबारियों के लिए कंप्लायंस को सरल बनाया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिला है।