थोक महंगाई दर (WPI Inflation) मई के महीने में 15.88 फीसदी पर जा पहुंची है। जबकि अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर 15.08 फीसदी थी।गौरतलब है कि अप्रैल में 15 फीसदी के ऊपर जाते ही थोक महंगाई दर 9 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं, मंगलवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई की थोक महंगाई दर साल 2012 के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर है।
खाद्य वस्तुओं पर महंगाई दर अप्रैल में 8.88 प्रतिशत से बढ़कर मई में 10.89 प्रतिशत हो गई। सब्जियों की महंगाई दर 56.36 फीसदी रही, जो अप्रैल में 23.24 फीसदी थी। मैन्युफैक्चर्ड आइटम्स पर मुद्रास्फीति मई में 10.11 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 10.85 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली पर मई महीने के दौरान वृद्धि की दर 40.62 प्रतिशत थी। गौर करने वाली बात यह है कि थोक मुद्रास्फीति अप्रैल 2021 से लगातार दोहरे अंकों में बनी हुई है।वहीं, दूसरी ओर मई 2022 में खुदरा महंगाई की दर अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर से गिरकर 7.04 प्रतिशत पर आ गई। साल 2021 की समान अवधि में थोक महंगाई दर 13.11 फीसदी पर थी।
GDP ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत अनुमानित: पिछले हफ्ते, छह सदस्यीय मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी ने सर्वसम्मति से बेंचमार्क पॉलिसी रेट को 50 बेस पॉइंट तक बढ़ाने के लिए मतदान किया था, जिसके बाद रेपो रेट 4.90 प्रतिशत हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है, जबकि मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया है। मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में महंगाई दर के 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की संभावना थी।
सोशल मीडिया पर शुरू चर्चा: थोक महंगाई दर के आंकड़ों के सामने आते ही सोशल मीडिया पर भी इस पर चर्चा शुरू हो गयी। नेहा (@NehaKoppula) नाम की यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “मोदी के ‘अमृत काल’ में थोक मुद्रास्फीति मई में 15.88 फीसदी की नई ऊंचाई पर पहुंच गई, जबकि अप्रैल में यह 15.08 फीसदी थी और खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अप्रैल में 8.88% से बढ़कर मई में 10.89% हो गई।” वहीं, जॉन (@John55719684) ने लिखा, “WPI और CPI नकली शब्द हैं जिन्हें तथाकथित अर्थशास्त्रियों ने मुद्रास्फीति के नाम से लोगों को धोखा देने के लिए बुद्धिमानी से आविष्कार किया है।”
रोमित बोस (@romitbose) नाम के एक यूजर ने लिखा, “थोक महंगाई दर अब तक के उच्चतम स्तर 15.88% पर पहुंच गई। हम जल्द ही आरबीआई रेट में एक और बढ़ोत्तरी देखेंगे। वैसे भी, हमारे पास निपटाने के लिए और भी महत्वपूर्ण चीजें हैं, जैसे: शिवलिंग है या फव्वारा, ताजमहल के बंद दरवाजे “