विश्वबैंक समूह के प्रमुख जिम योंग किम ने गुरुवार (30 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात पोषण एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर सरकार की पहल को समर्थन देने के लिये उपाय तलाशने के विश्वबैंक के प्रयास का हिस्सा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर किम के साथ मोदी की तस्वीर जारी की लेकिन फिलहाल इसका कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं हो पाया।
किम ने बुधवार (29 जून) को यहां आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा किया ताकि बच्चों के पोषण के क्षेत्र में भारत की प्रयासों का पता लगाया जा सके। साथ ही उन्होंने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ भी मुलाकात की। किम के आगमन से पहले विश्वबैंक द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि यह यात्रा नवीकरणीय ऊर्जा और पोषण के संबंध में भारत की परियोजनाओं की समीक्षा और इन्हें समझने के लिए है।
किम ने इस बयान में कहा था, ‘भारत विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था है और यहां विश्व की बेहद गरीब आबादी में से 26 प्रतिशत हिस्सा रहता है। इसका अर्थ है भारत में गरीबी घटाने और 2030 तक अत्यधिक गरीबी खत्म करने में विश्व की मदद करने की अपार संभावना है।’
उन्होंने कहा था कि वह मोदी की सुधार प्रक्रिया से बेहद प्रभावित हैं और अपनी यात्रा में वह यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि विश्वबैंक कैसे उनकी सरकार की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और वित्तपोषण में मदद कर सकता है। बाद में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और किम ने विभिन्न मुद्दों और सहयोग के संभावित आयामों पर चर्चा की।
इसमें कहा गया, ‘इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक की भारत के विशेष तौर पर स्मार्ट सिटी, गंगा संरक्षण, कौशल विकास, स्वच्छ भारत और सबके लिए बिजली जैसे क्षेत्रों में निरंतर समर्थन पर खुशी जाहिर की। किम ने कहा कि वह इन कार्यक्रमों के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में की गई प्रगति से प्रभावित हैं।’
बयान में कहा गया कि मोदी ने भारत जैसे देशों के लिए पर्याप्त जलवायु परिवर्तन के पर्याप्त वित्तपोषण पर जोर दिया। ये देश समझबूझ पर्यावरण अनुकूल सतत मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। बयान में कहा गया, ‘किम ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि विश्वबैंक इन मुद्दों पर सक्रियता से और पूर्ण समर्थन करेगा। किम ने विशेष तौर पर लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कारोबार सुगमता में सुधार में तेज प्रगति की सराहना की।’