देश के दानवीर अरबपतियों की बात होती है तो विप्रो के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी का नाम शीर्ष पर आता है। हाल ही में जारी एडलिव हुरुन इंडिया फिलैन्थ्रॉपी सूची के अनुसार, प्रेमजी ने साल 2020 में कुल 7,904 करोड़ रुपये दान दिए हैं। अगर हर दिन के हिसाब से देखें तो लगभग 22 करोड़ रुपये होते हैं।

अब अजीम प्रेमजी ने कोरोना काल के दौरान के अन्याय को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महामारी ने असमानताओं और अन्याय को उजागर किया है, जो लाखों नागरिकों को सामान्य गरिमामय जीवन से दूर कर देता है। एक कार्यक्रम में अजीम प्रेमजी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने मानवीय दुख और त्रासदी को झकझोर दिया है। यह हमें याद दिलाता है कि अर्थव्यवस्था समाज का हिस्सा है और मानव कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है।

प्रेमजी ने कहा कि देश के एजेंडे में भोजन, आवास, सुरक्षा और बुनियादी सामाजिक सुरक्षा शामिल होने चाहिए। इसके अलावा न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली भी जरूरती है। इसी के साथ प्रेमजी ने न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रोजगार व आजीविका की जरूरत पर भी जोर दिया। आपको बता दें कि अजीम प्रेमजी के विप्रो ग्रुप ने 1 अप्रैल को कोरोना से लड़ाई के लिए 1125 करोड़ रुपये का दान करने का ऐलान किया था।

अजीम प्रेमजी के बारे में: अजीम प्रेमजी को अपने पिता मोहम्‍मद हासम प्रेमजी से 1966 में वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स नामक कंपनी विरासत में मिली थी। आगे चलकर यही कंपनी विप्रो बन गई और आज भारत समेत दुनियाभर में टॉप आईटी कंपनी के तौर पर पहचान बना चुकी है।

साल 2019 जुलाई में दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद से रिटायर हो गए। अजीम प्रेमजी के रिटायरमेंट के बाद विप्रो की कमान उनके बेटे रिशद ने संभाल ली है। अजीम प्रेमजी साल 1999 से लेकर 2005 तक भारत के सबसे धनी व्यक्ति भी रहे। फोर्ब्स के अनुसार, साल 2019 में वह एशिया के दानवीरों की सूची में टॉप पर थे।