भले ही भारत में आर्थिक सुस्ती बीते 11 सालों में सबसे ज्यादा है, लेकिन इसी बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को ग्रोथ को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था में संतुलन के लिए ‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से नवाजा गया है। फाइनेंशियल टाइम्स अखबार की ओर से पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।

फाइनेंशियल टाइम्स ग्रुप की ही बैंकर मैगजीन ने उन्हें एशिया पेसेफिक रीजन के सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर का खिताब दिया है। इसके अलावा नेशनल बैंक ऑफ सर्बिया की मुखिया जोरगोवांका ताबाकोवी को ग्लोबल सेंट्रल बैंक का खिताब दिए जाने की घोषणा हुई है। पत्रिका ने 2 जनवरी को प्रकाशित अपने अंक के संपादकीय में यह ऐलान किया है।

शक्तिकांत दास को क्यों मिला खिताब: मैगजीन का कहना है कि शक्तिकांत दास ने भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुधारने के लिए कई प्रयास किए हैं। मैगजीन का कहना है कि दास ने एनपीए और फ्रॉड के संकट से जूझ रहे बैंकों को मदद की है। इसके अलावा उन्होंने शैडो बैंकिंग पर रोक लगाने के भी प्रयास किए हैं।

नौकरशाह रह चुके हैं शक्तिकांत दास: तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के अधिकारी रहे शक्तिकांत दास ने उर्जित पटेल के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर के तौर पर जिम्मा संभाला था। इससे पहले वह वित्त सचिव, राजस्व सचिव के तौर पर भी केंद्र सरकार को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति को लेकर कई अर्थशास्त्रियों ने सवाल भी उठाए थे।

रघुराम राजन को मिल चुका है ग्लोबल बैंकर का अवॉर्ड: शक्तिकांत दास से पहले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को 2016 में ग्लोबल एंड एशिया पैसिफिक रीजन के सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उन्हें 2015 में अमेरिका की ओर से नियमों में सख्ती किए जाने की चुनौती से निपटने पर यह सम्मान दिया गया था।