जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (JRD टाटा) का नाम भारत के कारोबारी जगत में बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। आज उनकी 116वीं जयंती है। नए संस्थानों की स्थापना और नए प्रयोगों के लिए मशहूर रहे जेआरडी टाटा ने ही आज की सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की स्थापना की थी। जेआरडी टाटा ने 1932 में देश की पहली कमर्शियल एयरलाइन टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जो बाद में 1946 में एयर इंडिया बनी। फिर 1953 में इस एयरलाइन का नेहरू सरकार ने राष्ट्रीयकरण किया गया और जेआरडी टाटा को ही इसका चेयरमैन बनाया गया था।

जेआरडी टाटा को देश का पहला पायलट भी कहा जाता है, जिन्हें 10 फरवरी 1929 को विमान उड़ाने का लाइसेंस मिला था। 15 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायु सेना ने उन्हें एयर कोमोडोर की मानद उपाधि भी दी थी। जेआरडी टाटा का जन्म 29 जुलाई, 1904 को फ्रांस में हुआ था और वह फ्रांसीसी सेना में भी करीब एक साल तक रहे थे।

चीन से जंग में की थी मदद की पेशकश: भारतीय भाषाओं के मुकाबले फ्रेंच और अंग्रेजी वह ज्यादा अच्छी बोलते थे, लेकिन भारत को लेकर उनकी देशभक्ति सर्वोपरि थी। यहां तक कि 1962 में भारत और चीन के बीच जंग हुई तो उन्होंने 30 लाख रुपये की रकम प्रधानमंत्री राष्ट्रीय रक्षा कोष में जमा कराई थी। उस दौर में यह रकम काफी बड़ी मानी जाती थी। यही नहीं उन्होंने मिलिट्री ट्रक की पेशकश भी की थी ताकि सेना को मोर्चे तक पहुंचने में कोई परेशानी न आ सके।

कल्पना चावला भी थीं प्रेरित: देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित जेआरडी टाटा को विजनरी शख्स के तौर पर जाना जाता था। भारत रत्न सम्मान के अलावा उन्हें 1957 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। कहा जाता है कि भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला उनसे ही प्रेरित थीं। खुद कल्पना चावला ने एक बार कहा था, ‘मुझे जेआरडी टाटा से प्रेरणा मिली, जब उन्होंने भारत में पहली बार विमान उड़ाया। उस दौर में जेआरडी टाटा ने पहली बार विमान उड़ाकर जो किया वो कमाल था, वो हमेशा के लिए मेरे दिमाग में बस गया।’