सरकारी एजीआर बकाये के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट से 10 साल का वक्त मिलने के बाद भी वोडाफोन आइडिया को अपनी स्थिति सुधारने में मदद नहीं मिलेगी। फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान जताया है। एजेंसी ने कहा कि इस दौरान कंपनी के ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, लेकिन जियो और एयरटेल के मार्केट शेयर में इजाफा देखने को मिलेगा। फिच का यह भी मानना है कि अगले एक साल में मोबाइल दरों में 20 प्रतिशत की एक और वृद्धि हो सकती है। फिच रेटिंग्स ने कहा कि वोडाफोन-आइडिया ने इक्विटी शेयर और ऋण के माध्यम से रुपए जुटाने की योजना बनाई है। इससे भी कंपनी के जियो और एयरटेल के सामने प्रतिस्पर्धी की स्थिति में लौटने की संभावना नहीं है।
वोडाफोन आइडिया द्वारा जुटाई जा रही यह धनराशि निवेश के लिए पर्याप्त नहीं होगी। इससे कंपनी ग्राहकों की संख्या में हो रही नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगी। फिच ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ‘हमारा अनुमान है कि वोडाफोन आइडिया अपने कमजोर हिसाब-किताब और वित्तीय मोर्चे पर लचीलेपन की कमी की वजह से धीरे-धीरे बाजार में अपनी हिस्सेदारी गंवाएगी। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।’ फिच ने आगे कहा कि ग्राहक ऊंचे मूल्य के 4जी प्लान का विकल्प चुनेंगे। इससे उद्योग में शुल्क बढ़ेगा।
फिच ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ साल में बाजार में जियो और भारती एयरटेल की सामूहिक बाजार हिस्सेदारी मौजूदा 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी से बढ़कर करीब 75 से 80 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।’ एजेंसी ने कहा कि इन कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ने की वजह से वोडाफोन-आइडिया की कीमत बढ़ेगी।
उम्मीद है कि अगले 1 साल मे वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या में पांच से सात करोड़ की कमी आएगी। पिछली नौ तिमाहियों की बात करें तो वोडाफोन आइडिया ने करीब 15.5 करोड़ उपभोक्ता गंवाए हैं। फिच ने यह भी कहा वोडाफोन आइडिया से हटे ग्राहकों में से आधे से ज्यादा रिलायंस जियो के पास जाएंगे बाकी ग्राहक एयरटेल की सुविधा लेंगे।
गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया ने शेयरों की बिक्री और कर्ज के जरिए 25,000 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला लिया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इक्विटी शेयर की सेल के माध्यम से 15,000 करोड़ रूपए और नॉन कन्वर्टिबल डिवेंचर के पब्लिक ऑफर या प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से 15,000 करोड़ जुटाने की योजना बनाई है। हालांकि कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को अपने स्टेटमेंट में बताया यह टोटल 25,000 करोड़ रूपए से ज्यादा नहीं होगा।