टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अब नए अवतार में मार्केट में उतरी है। कंपनी ने अपनी रिब्रांडिंग की है और अब उसे Vi ब्रांड के नाम से जाना जाएगा। इससे वोडाफोन और आइडिया का विलय पूर्ण रूप से हो जाएगा और दोनों कंपनियों का अलग-अलग नाम होने की बजाय दोनों मिलकर एक ही नाम से जानी जाएंगी। वोडाफोन और आइडिया ने 2018 में आपस में विलय कर लिया था। इसके बाद बनी नई कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया था, जो अब Vi हो जाएगा। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों कंपनियों का विलय होना दुनिया का सबसे बड़ा टेलिकॉम इंटीग्रेशन है। कंपनी की ओर से इस घोषणा से पहले ही मार्केट में तेजी देखी जा रही थी और उसके शेयरों में 10 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया।
दरअसल एजीआर पेमेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से 10 साल का वक्त दिए जाने के बाद से कंपनी राहत महसूस कर रही है और अब भारत में अपने कारोबार के विस्तार के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटी है। इसी के तहत कंपनी ने 25,000 करोड़ रुपये की रकम शेयरों की बिक्री और अन्य माध्यमों से जुटाने का फैसला लिया है। कंपनी पर फिलहाल टेलिकॉम विभाग का 50,000 करो़ड़ रुपये एजीआर बकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को 10 साल का वक्त दिया है। इस दौरान उसे हर साल सालाना किस्त चुकानी होगी।
बता दें कि पीछे कुछ समय से वोडाफोन आइडिया ने तेजी से अपने ग्राहक खोए हैं। अकेले मई 2020 में ही एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के वायरलेस सबस्क्राइबर्स की संख्या में 47 लाख की कमी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में कंपनी का तिमाही घाटा पिछले वर्ष की पहली तिमाही के घाटे के मुकाबले 25,460 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की तिमाही में 11,643 करोड़ रुपए था।
ब्रिटिश फर्म वोडाफोन और भारत के आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास इस कंपनी का मालिकाना हक है। दोनों ग्रुप ने जियो की लॉन्चिंग के बाद आपस में विलय कर लिया था और वोडाफोन आइडिया नाम से नई कंपनी अस्तित्व में आई थी।