कभी टेलीकॉम सेक्‍टर में बीएसएनएल को प्राइवेट सेक्टर की एक ही कंपनी वोडाफोन आइ़डिया टक्‍कर देती थी लेकिन, आज इस कंपनी पर लगभग 2 लाख करोड़ से ज्‍यादा का बकाया है, जिसमें से वह 78 हजार करोड़ के लिए सरकार से राहत पाने की उम्‍मीद लगाए बैठी है। कंपनी के सीईओ अभिजीत किशोर ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है और उसे उम्मीद है कि वह 78,500 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया के लिए दीर्घकालिक समाधान (long term Solution) निकाल लेगी।

कंपनी के सीईओ अभिजीत किशोर ने कहा कि कंपनी धन जुटाने के लिए बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कई स्रोतों से संपर्क कर रही है जो लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग के लिए एजीआर मामले के समाधान पर भी निर्भर करता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘ हम उस समाधान की तलाश में हैं जो सबसे सही और सरकार के दीर्घकालिक नजरिए के अनुरूप हो। हमारा मानना ​​है कि चूंकि उच्चतम न्यायालय का आदेश हाल ही में आया है इसलिए बैंकों को दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए उस पर थोड़ी निर्भरता होगी।’’

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के लिए उठाए गए अतिरिक्त एजीआर मांग के संदर्भ में पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने की अनुमति दी है। साथ ही ब्याज व जुर्माना सहित सभी एजीआर बकाया का व्यापक रूप से रिवैल्यूएशन और समाधान करने की भी अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि सितंबर 2025 के अंत तक कंपनी की एजीआर देनदारी लगभग 78,500 करोड़ रुपये थी।

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कंपनी के मुताबिक, ‘‘ 30 सितंबर 2025 तक वीआई का बैंकों से बकाया ऋण (अर्जित लेकिन देय नहीं ब्याज सहित) 15.421 करोड़ रुपये है। स्पेक्ट्रम के लिए आस्थगित भुगतान दायित्व (अर्जित लेकिन देय नहीं, ब्याज सहित) है जो वित्त वर्ष 2043-44 तक के वर्ष में देय है और एजीआर जो वित्त वर्ष 2030-31 तक के वर्षों में देय है कुल मिलाकर 201409 करोड़ रुपये है।’’

पहली छमाही में कंपनी को 12 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 12,132 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। 30 सितंबर तक इसकी नेट वर्थ नेगेटिव 82,460 करोड़ रुपये थी। आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी का कुल ऋण 2.02 लाख करोड़ रुपये था।

भाषा के इनपुट के साथ