पहले से ही कर्ज और सरकार के बकाये के संकट से गुजर रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को अब रिलायंस जियो से करारा झटका लग सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं सालाना जनरल मीटिंग के दौरान मुकेश अंबानी ने देश को ‘2जी मुक्त’ करने का ऐलान किया था। भले ही इस ऐलान और जियो के प्लान से रिलायंस को बड़ी ग्रोथ मिल जाए, लेकिन वोडाफोन की पहले से ही खराब हालत इससे और बिगड़ जाएगी। दरअसल यूजर बेस को लेकर भी संघर्ष कर रही कंपनी वोडाफोन आइडिया के फिलहाल 2जी सबस्क्राइबर ही सबसे ज्यादा हैं। रिलायंस जियो पहले ही बीते तीन सालों में अपने सस्ते जियो फीचर फोन की बदौलत 10 करोड़ ग्राहकों को हथिया चुका है।
सस्ते दाम पर 4जी मिलने के चलते ग्राहकों ने अन्य कंपनियों को छोड़कर रिलायंस का रुख किया है। अब रिलायंस जियो की नजर गूगल के साथ मिलकर एंट्री लेवल का स्मार्टफोन तैयार करने पर है। यही नहीं ये फोन 4जी और 5जी तकनीक को भी सपोर्ट करेंगे। दरअसल इसके पीछे रिलायंस की रणनीति देश में मौजूद 35 करोड़ फीचर फोन यूजर को अपने पाले में लाने की है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 4जी मोबाइल के मामले में 58 पर्सेंट की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे चल रही कंपनी रिलायंस जियो अब फीचर फोन यूजर्स को हथियाने में भी बड़ी सफलता हासिल कर सकती है।
बता दें कि जियो की प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरटेल के पास 135 मिलियन यानी 13.5 करोड़ 2जी यूजर हैं। यह कंपनी के कुल 28.3 करोड़ ग्राहकों के मुकाबले 47 फीसदी है। लेकिन वोडाफोन आइडिया के 60 फीसदी ग्राहक 2जी नेटवर्क के ही हैं। कंपनी के पास 17.4 करोड़ 2जी यूजर हैं, जबकि कुल ग्राहक 29.1 करोड़ हैं। भारती एयरटेल ने हाल ही में बड़े पैमाने पर पूंजी जुटाई है और वह अपने कारोबारको आगे बढ़ाने में सक्षम है। लेकिन लगातार ग्राहक खो रही और कर्ज के दलदल में डूबी वोडाफोन आइडिया के लिए उबरना मुश्किल होगा।
चीन को भारत का जवाब हैं मुकेश अंबानी: देश में हलचल मचाने के साथ ही मुकेश अंबानी 5जी तकनीक के साथ ही दुनिया के कारोबार में भी सफल साबित हो सकते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के नेता चीन की कंपनी Huawei को 5जी तकनीक के लिहाज से सेफ नहीं मान रहे हैं। ऐसे में रिलायंस जियो को बड़ा फायदा मिल सकता है। पिछले ही दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने रिलायंस जियो को क्लीन कंपनी बताया था।